गुस्साए किसानों ने साढ़े तीन घंटे भामाशाहमंडी का गेट बंद रखा

0
662

कोटा। भामाशाहमंडी में उड़द खरीद को लेकर शुक्रवार को किसानों ने हंगामा कर दिया। मंडी में संचालित सरकारी कांटे पर किसानों की उड़द को राजफेड क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी ने रिजेक्ट कर दिया। सुबह से लेकर दोपहर तक एक भी किसान की जब उड़द नहीं खरीदी गई तो गुस्साए किसानों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।

उन्होंने पहले सरकारी खरीद केंद्र पर हंगामा किया। बाद में किसान भामाशाहमंडी के गेट नंबर एक पर आ गए। जो करीब 200 की संख्या में थे। 3 बजे उन्होंने मंडी गेट को बंद कर दिया। इसके चलते वाहनों की आवाजाही बंद हो गई।
मामले की सूचना मिलने पर किसान नेता फतेहचंद बागला, लक्ष्मीनारायण श्रृंगी, भाजपा किसान मोर्चा से प्रदेश मंत्री मुकुट नागर मौके पर पहुंचे।

इस दौरान पुलिस अधिकारियों और किसानों के बीच गेट खोलने को लेकर तकरार भी हुई। लेकिन बाद में किसान नेताओं के बुलाने पर मंडी किसानों की समस्या सुनने सांसद ओम बिरला पहुंचे। साथ में विधायक संदीप शर्मा भी मौजूद थे। बिरला ने किसानों की समस्या सुनकर, मौके से केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी से बात की।

वहीं, राजफेड के अधिकारियों को फटकार लगाते, कहा कि केंद्र व राज्य सरकार किसानों की जिंस खरीदना चाहती हैं। वहीं, विभाग किसानों की उड़द रिजेक्ट करने में तुला हुआ हैं। मंत्री से बात होने के बाद सांसद ओम बिरला ने तत्काल राजफेड के अधिकारियों को निर्देश देते हुए, शाम 6:30 बजे उड़द खरीद चालू करवाई। तब जाकर साढ़े तीन घंटे बाद भामाशाहमंडी का गेट नंबर एक खुल सका।

समय बढ़ाए सरकार
हाड़ौती किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने बताया कि 27 जनवरी तक 5400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से सरकारी कांटे पर उड़द खरीदी जाएगी। लेकिन सरकार उड़द की संपूर्ण खरीद करने के लिए कम से कम 10 दिन और समर्थन मूल्य पर उड़द खरीदें। साथ ही खरीद का लक्ष्य 30 हजार मीट्रिक टन करें।

तीन दिन से माल लेकर आए हुए थे किसान
बूंदी जिले के अडीला गांव से सुरेश प्रजापत 7 क्विंटल उड़द मंडी लेकर आए हुए थे। उनका पूरा माल ही राजफेड ने रिजेक्ट कर दिया। केशवरायपाटन क्षेत्र के कमोलर गांव से लक्ष्मीनारायण ने बताया कि वह उड़द की ग्रेडिंग करके 30 क्विंटल माल मंडी लेकर आया था। उसे भी रिजेक्ट कर दिया गया। केशवरायपाटन के गुडली गांव से रामस्वरूप सुमन 25 क्विंटल उड़द लेकर मंडी आया। उसके माल को भी फेल बताते हुए खरीदने से मना कर दिया गया।