नई दिल्ली। मार्च 2018 तक कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों के पीएफ के साथ हेरफोर नहीं कर पाएंगी। कंपनियों को कर्मचारियों का पीएफ समय पर सरकार के पास जमा कराना होगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) 2018 तक जीरो डिफॉल्ट का प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत ईपीएफओ ने अपने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अगले तीन माह में जीरो डिफॉल्ट का लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करें।
रियल टाइम डिफॉल्ट मैनेजमेंट सिस्टम से मिलेगी मदद
ईपीएफओ ने हाल में रियल टाइम डिफॉल्ट मैनेजमेाट सिस्टम शुरू किया है। इससे मौजूदा समय में डिफॉल्ट कैटेगरी में आने वाली कंपनियों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा रीजलल ऑफिस में नए एनफोर्समेाट ऑफिसर्स को तैनात किया जा रहा है। इससे मौजूदा डिफॉल्टर कंपनियों के फॉलोअप में तेजी आएगी और डिफॉल्टर कंपनियों की संख्या को जीरो किया जा सकेगा।
दिसंबर में डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ी
ईपीएफओ की ओर से जारी किए गए ताजा डाटा के अनुसार दिसंबर माह में अपने कर्मचारियों का पीएफ न जमा कराने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ कर 1,35,017 हो गई है जबकि नवंबर माह में डिफाल्ट करने वाली कंपनियों की संख्या 1,30,684 थी।
ईपीएफओ ने अपने सभी एडिशनल सेंट्रल पीएफ कमिश्नरों (जोन) और रीजनल सेंट्रल पीएफ कमिश्नरों से पता लगाने को कहा है कि डिफाल्ट करने वाली कंपनियों की संख्या क्यों बढ़ रह है। इसके अलावा ईपीएफओ ने ऐसे ऑफिस के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है जिनका प्रदर्शन निरीक्षण के मोर्चे पर खराब है।
23 फीसदी कंपनियों ने किया है डिफॉल्ट
दिसंबर 2017 में ईपीएफओ के पास कंट्रीब्यूट करने वाले कंपनियों की कुल संख्या 4, 46, 193 थी। इसमें से 1,35,017 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के नवंबर माह का पीएफ सरकार के पास जमा नहीं कराया है।
इस तरह से ईपीएफओ के पास अपने कर्मचारियों का पीएफ जमा कराने वाली कुल कंपनियों में से 23 फीसदी कंपनियों ने दिसंबर माह में अपने कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं कराया है।