वाशिंगटन। भारत सरकार द्वारा किए जा रहे व्यापक रिफॉर्म्स की वजह से भारत में अन्य उभरती इकोनॉमी के मुकाबले ग्रोथ की ज्यादा क्षमता है। यह बात बुधवार को वर्ल्ड बैंक ने कही। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, 2018 में भारत की ग्रोथ रेट 7.3 फीसदी और अगले 2 सालों में 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
2017 में ग्रोथ रेट रहेगी 6.7 फीसदी
वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी 2018 ग्लोबल इकोनॉमिक्स प्रॉस्पैक्ट के मुताबिक, नोटबंदी और GST से लगे शुरुआती झटकों के बावजूद हमारा अनुमान है कि 2017 के लिए भारत की ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रहेगी। वर्ल्ड बैंक में डेवलपमेंट प्रॉस्पैक्ट्स ग्रुप के डायरेक्टर अयान कोस ने कहा कि हर तरह से भारत अगले 10 सालों में अन्य बड़ी उभरती इकोनॉमीज के मुकाबले ज्यादा ग्रोथ रेट दर्ज करने की ओर बढ़ रहा है।
इसलिए मैं शॉर्ट टर्म ग्रोथ रेट पर फोकस न करके भारत की लॉन्ग टर्म ग्रोथ रेट पर फोकस करूंगा। लॉन्ग टर्म की बात करने पर सामने आता है कि भारत में ग्रोथ के लिए बहुत ज्यादा संभावना है।
भारत से पिछड़ रहा है चीन
उन्होंने बताया कि चीन से तुलना करें तो चीन की ग्रोथ रफ्तार धीमी हो रही है और वर्ल्ड बैंक को उम्मीद है कि भारत की ग्रोथ रेट में धीरे-धीरे तेजी आएगी। 2017 में चीन की ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रही, जो भारत से 0.1 फीसदी ज्यादा है।
2018 में चीन की ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है। अगले दो सालों की बात करें तो चीन की ग्रोथ रेट में मामूली तौर पर गिरावट आएगी और यह क्रमश: 6.3 फीसदी और 6.2 फीसदी रहेगी।
इन्वेस्टमेंट बढ़ाने के उपाय करने की जरूरत
कोस ने आगे कहा कि अपनी ग्रोथ क्षमता को भुनाने के लिए भारत को इन्वेस्टमेंट बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही नॉन परफॉर्मिंग लोन और प्रॉडक्टिविटी को लेकर भी उपाय करने की जरूरत है। लेबर मार्केट को लेकर किए गए रिफॉर्म, एजुकेशन व हेल्थ रिफॉर्म और इन्वेस्टमेंट की रुकावटों को दूर किया जाना भी भारत के प्रॉस्पैक्ट्स में सुधार लाएगा।
CSO के मुताबिक इस वित्त वर्ष 6.5% रहेगी ग्रोथ रेट
हाल ही में सेंट्रल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस (सीएसओ) द्वारा जारी जीडीपी के एडवांस एस्टीमेट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रह सकती है, जो बीते 4 साल यानी मोदी सरकार के कार्यकाल का सबसे निचला स्तर होगा। हालांकि देश के चीफ स्टेटिस्टीशियन (सांख्यिकीविद) टी सी ए अनंत ने कहा कि अप्रैल-सितंबर छमाही की तुलना में अक्टूबर-मार्च छमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ बेहतर रहने का अनुमान है।