न्यूयॉर्क । अमेरिका ने पाकिस्तान पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान को लेकर किए गए ट्वीट के बाद अब अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सैन्य मदद पर रोक लगा दी है।
खबरों के अनुसार अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर की आर्थिक सैन्य मदद पर रोक लगाई है। इसकी पुष्टि व्हाइट हाउस द्वारा कर दी गई है।
व्हाइट हाउस से जारी बयान में कहा गया है कि इस तरह की मदद का भविष्य इस्लामाबाद द्वारा अपनी जमीन पर मौजूद आतंकियों पर की जाने वाली कार्रवाई पर निर्भर करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि अमेरिका पाकिस्तान को दी जानी वाली 255 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद देने का इच्छुक नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप साफ कर दिया है कि अमेरिका पाकिस्तान से चाहता है कि वो अपनी जमीन पर मौजूद आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। पाकिस्तान के दक्षिण एशिया रणनीति के लिए किए गए एक्शन से हमारे रिश्तों की दिशा तय होगी जिसमें भविष्य में मिलने वाली सुरक्षा निधि भी शामिल है।
झूठा और कपटी है पाकिस्तान: ट्रंप
बता दें कि नए साल के पहले ही दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को झूठा और कपटी करार दिया था। ट्रंप ने लिखा में लिखा, ‘पाकिस्तान को 15 साल में 33 अरब डॉलर (दो लाख दस हजार करोड़ रुपए) की भारी-भरकम सहायता दी गई। बदले में उसने हमें कुछ नहीं दिया। केवल झूठ बोला और धोखा दिया। उसने हमारे नेताओं को बेवकूफ बनाया।’
यह पाकिस्तान को किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से सबसे कड़ी फटकार है। ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कुछ ही दिन पहले अमेरिकी अखबार “न्यूयॉर्क टाइम्स” ने खबर दी थी कि अमेरिका पाकिस्तान को दी जाने वाली 1436 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद रोकने पर विचार कर रहा है।
कब-कब पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया अमेरिका
पाकिस्तान के गठन के बाद से ही अमेरिका उसकी मदद करता आया है, लेकिन वर्ष 2001 में अमेरिका पर हुए आतंकी हमले के बाद उसने पाकिस्तान के लिए मदद का भंडार खोल दिया। अमेरिका के एक रिसर्च थिंक टैंक सेंटर फॉर ग्लोबल डवलवमेंट (CGD) की रिपोर्ट के मुताबिक 1951-2011 तक अमेरिका ने पाकिस्तान को 67 बिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद की है।
– बराक ओबामा के कार्यकाल में वर्ष 2009 में पाकिस्तान की मदद के लिए कैरी गुलर विधेयक पास हुआ
– 2010-14 में साढ़े सात अरब अमेरिकी डालर की असैनिक मदद वाले कैरी लुगर विधेयक को व्हाइट हाउस ने पाकिस्तान के लिए व्यापक समर्थन की ठोस अभिव्यक्ति बताया
– अमेरिका ने बजट का बड़ा हिस्सा सैन्य मदद के तौर पर पाकिस्तान को दिया
– शिक्षा और दूसरे मदों में एक चौथाई फंड दिया गया
– CGD के अनुसार 2002-2009 के बीच आर्थिक मुद्दों पर 30 फीसद फंड दिया गया
– 70 फीसद मदद सैन्य क्षेत्र में दी गई
– 2010-2014 के बीच सैन्य मदद में थोड़ी कमी आई
– आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में कुल मदद का करीब 41 फीसद दिया गया
अमेरिका के फैसले का क्या होगा असर
अमेरिका द्वारा आर्थिक मदद रोक देने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है। आर्थिक मदद के रूक जाने से पाकिस्तान को खासा नुकसान झेलना होगा। पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद खराब है, पूरा देश उधारी और कर्जे पर चल रहा है।
गरीबी, बेरोजगारी से तो पाकिस्तान जूझ रहा है, लेकिन आतंकवाद भी पाकिस्तान की जड़ों को खोखला बना रहा है।
ऐसे में अमेरिका की मदद कहीं न कहीं पाकिस्तान के लिए तिनके का सहारा थी और अब वो भी खत्म हो गई। अब जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पालना बंद नहीं करता, ये पॉलिसी दोबारा बहाल होती नजर नहीं आ रही है।