कोटा। Wheat Price: व्यापारियों का मानना है कि इस साल गेहूं के औसत दाम 2600 रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा रह सकते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दी है। यह इस बार राजस्थान में किसानों को 2575 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं मिलने वाली है।
दाम बढ़ने के चलते आने वाले समय में घरों में बनने वाली चपाती से लेकर रेस्टोरेंट और मैस में रोटियां, महंगी हो सकती हैं। गेहूं महंगा होने के चलते आटा और गेहूं की प्रोसेसिंग से बनने वाले अन्य उत्पाद भी महंगे होंगे।
भामाशाह कृषि उपज मंडी की ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी का कहना है कि बीते साल 2024 में जनवरी-फरवरी में गेहूं के औसत दाम 2600 रुपए प्रति क्विंटल के बीच थे। इस साल 2025 की शुरुआत में ही दाम करीब 3000 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच चुके हैं।
आने वाले समय में मंडी में ज्यादा गेहूं पहुंचने लगेगा तो धीरे-धीरे दाम कम होंगे। उम्मीद है कि अगले डेढ़ महीने में 2600 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास दाम रह सकते हैं। जैसे ही मंडी में गेहूं आना धीरे-धीरे कम होगा, दाम वापस बढ़ते जाएंगे। यह दाम साल 2025 के आखिर तक 3200 रुपए प्रति क्विंटल से भी ज्यादा जा सकते हैं।
अविनाश राठी का यह भी कहना है कि इस बार 20 लाख से ज्यादा हेक्टेयर में बुवाई पूरे भारत में हुई है । इनमें राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बिहार, झारखंड व छत्तीसगढ़ भी शामिल है। भारत में जहां पर 1000 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होता है।
इस बार यह 1100 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है। राजस्थान से लगते मध्य प्रदेश और गुजरात में गेहूं की आवक थोड़ी पहले हो जाती है। राजस्थान में अप्रैल से गेहूं आना शुरू होता है। इस समय कोटा के भामाशाह कृषि उपज मंडी में भी मार्च के महीने में गेहूं आता है, लेकिन ज्यादातर गेहूं अप्रैल व मई ही में ही पहुंचता है।