मोशन की छात्राओं ने जाने महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा संबंधी कानून

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कोटा। बेटियां ही घर और देश की असली रौनक हैं। राष्ट्रीय बालिका दिवस बेटियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने, उनकी ताकत को पहचानने और उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करने का बेहतरीन अवसर है।

यह कहा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सीनियर डिफेन्स काउंसलर रवि विजय ने। वे बालिका दिवस पर शुक्रवार को मोशन एजुकेशन के दक्ष कैम्पस में छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। सीनियर डिफेन्स काउंसलर जया सिंह और असिस्टेंस डिफेन्स काउंसलर स्वाति जैन ने घरेलू हिंसा, बाल विवाह, दहेज, नाबालिग और कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ के खिलाफ बने कानूनों की जानकारी दी। पिता की सम्पत्ति पर बेटियों के अधिकार, अनुकम्पा नियुक्ति, समान वेतन का अधिकार के बारे में भी बताया।

रवि विजय ने कहा सरकारें और न्यायपालिका बच्चियों की सुरक्षा व उनके कल्याण के प्रति संवेदनशील हैं लेकिन स्थानीय स्तर पर जागरूकता का अभाव है। इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। विधिक सेवा प्राधिकरण जिला स्तर पर निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करता है। यह सेवा आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों और समाज के हाशिए पर रहने वालों को न्याय हासिल करने में मदद करती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की प्रक्रिया भी आयोजित करता है।

पॉक्सो एक्ट के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पॉक्सो एक्ट का पूरा नाम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट है। बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम यानी पोक्सो कानून को 2012 में लाया गया था। बच्चों के शरीर को गलत इरादे से छूना या उनके साथ गलत भावना से की गई सभी हरकतें इस एक्ट में रेप की श्रेणी में रखी गई हैं। वहीं पॉक्सो एक्स के तहत दोषी पाए जाने पर 20 साल की जेल से लेकर उम्रकैद तक की कड़ी सजा का भी प्रावधान किया गया है। वहीं, अगर इस मामले में अगर नाबालिग की मौत हो जाती है तो दोषी को मौत की सजा तक दी जा सकती है।