जयपुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में बतौर कीनोट स्पीकर बोलीं डॉ. अनुकृति
कोटा/ जयपुर। हमारे छोटे छोटे कदम भी किसी बड़े परिवर्तन के वाहक हो सकते हैं। बड़े नवाचार को करने की शुरुआत एक छोटे कदम से ही होती है। यही नवाचार दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि और सतत विकास की एक प्रमुख प्रेरक शक्ति बनती है। यह बात कोटा विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनुकृति शर्मा ने कही।
वे वैदिक कन्या पीजी महाविद्यालय जयपुर तथा इंस्पायर रिसर्च एसोसिएशन जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में गुरुनानकपुरम राजा पार्क में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहीं थीं।
वे कांफ्रेंस के समापन के अवसर पर कीनोट स्पीकर एवं स्पेशल गेस्ट के तौर पर बोल रही थीं। इस दौरान ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एनडी माथुर तथा यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के पूर्व प्रोफेसर डॉ. रमेश के अरोड़ा भी मौजूद रहे।
डॉ. अनुकृति शर्मा ने कहा कि कोविड का दौर भी हमारे लिए नवाचार का बड़ा अवसर लेकर आया था। आज युवा भले ही पश्चिम की ओर भाग रहा है, लेकिन दुनिया हमारे विचारों को आत्मसात कर रही है। दुनिया में ऑर्गेनिक, मिलेट्स, आयुर्वेद, योग को दुनिया में मान्यता मिल रही है।
यह सब हमारी लाइफस्टाइल का एक हिस्सा है। आज पूरी दुनिया उसी और लौट रही है। लेकिन आज हम इस स्थिति में आ गए हैं कि हमारी जीवन पद्धति की छोटी सी बात को समझने के लिए भी एक बड़ी कॉन्फ्रेंस करनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि जीवन में नवाचार करने के लिए नकारात्मक विचारों को समाप्त करना होगा और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना होगा। बड़े नवाचार करने के लिए परिर्वतन की शुरुआत स्वयं से करनी पड़ती है। एक छोटा सा कदम बड़े परिवर्तन का वाहक हो सकता है। इस दौरान डॉ. अनुकृति शर्मा ने कांफ्रेंस में आमंत्रित करने के लिए एसएस मोदी और रविकांत मोदी का आभार जताया।