क्रूड की ऊंची कीमतों से महंगाई बढ़ने का खतरा: RBI

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नई दिल्ली। क्रूड और खाने-पीने की चीजें महंगी होने, राजस्व को लेकर अनिश्चितता और केंद्र सरकार द्वारा HRA बढ़ाए जाने से महंगाई बढ़ने का डर बन गया है। पिछले दिनों मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग में आरबीआई ने इसे लेकर अलर्ट किया था। बता दें कि मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग 5 और 6 दिसंबर को हुई थी, जिसमें ब्याज दरों में बदलाव न करने का निर्णय लिया गया था। 

 दूसरी छमाही में महंगाई दर ऊंची रहने की आशंका  
मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग में कहा गया कि क्रूड की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं, खाने-पीने की चीजें महंगी हुई हैं। वहीं, राजस्व को लेकर अनिश्चितता है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने हाउस रेंट अलाउंस बढ़ा दिया है। इन वजहों से मिड टर्म के लिए महंगाई दर अनुमान से ज्यादा बढ़ने का डर बन गया है। 

बता दें कि पहले भी यह अनुमान लगाया जा चुका है कि दूसरी छमाही में महंगाई दर 4.2 फीसदी से 4.6 फीसदी के बीच रह सकती है। वहीं, नवंबर में खुदरा महंगाई दर अक्टूबर के 3.5 फीसदी से बढ़कर 4.88 फीसदी पर पहुंच गई है। यह अगस्त 2016 के बाद सबसे अधिक है।
 
क्रूड फैक्टर प्रमुख चिंता: पटेल  
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के अनुसार तेल की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ी है। वहीं, राजस्व को लेकर भी अनिश्चितता है। ऐसे में आरबीआई महंगाई को लेकर सतर्क है।

उन्होंने कहा कि अक्टूबर में जब एमपीसी की मीटिंग हुई थी, तबसे दिसंबर मीटिंग तक देश की मैक्रो इकोनॉमिक सिचुएशन में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है। बता दें कि सेंट्रल बैंक ने लगातार दूसरी मीटिंग में ब्याज दरों में बदलाव न करने का निर्णय लिया। रेपा रेट को 6 फीसदी पर बरकरार रखा गया था।