अलवर। स्थानीय थोक प्याज मंडी में रोजाना प्याज के करीब 30 हजार कट्टों की आवक हो रही है। मंडी व्यापारी पप्पू भाई प्रधान ने बताया कि इस बार बम्पर पैदावार होने से किसानों के चेहरे पर खुशी है। पिछले साल के मुकाबले इस साल प्याज का उत्पादन बहुत अधिक हुआ है, जिससे इस साल किसान भाइयों को प्याज के भाव भी दोगुने मिल रहे हैं।
आज थोक में प्याज 35 से लेकर 55 रुपये किलो के भाव से बिकी है, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी है। इस साल प्याज का उत्पादन 6 लाख मीट्रिक टन के आसपास पहुंचने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह 4 लाख मीट्रिक टन था।
प्याज व्यापारियों व किसानों का कहना है कि अलवर के प्याज की 16 राज्यों में मांग है। आगामी दिनों में प्याज की डिमांड देश के उत्तरी व पूर्वी राज्यों में भी बढ़ेगी। इसके लिए थोक प्याज मंडी में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
अलवर में ऐसे समय प्याज का उत्पादन होता है, जब देश मे कहीं भी प्याज नहीं होती। ऐसे में प्याज की मुंहमांगी कीमत भी मिलती है। अलवर से प्याज का निर्यात कई देशों में भी होता है। यहां की प्याज को लाल प्याज के नाम से भी जाना जाता है और इस प्याज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह स्वाद में अच्छी होती है और इसकी सुगंध भी बेहतर होती है।
अलवर में बड़ी तादाद में प्याज की पैदावार होती है और इसी को देखते हुए अलवर और खैरथल में अलग से प्याज मंडी भी स्थापित की गई है। जहां प्रतिदिन प्याज की अच्छी आवक होती है। इसमें अलवर की प्याज मंडी में करीब तीस हजार कट्टे प्याज रोजाना आ रही है तो वहीं खैरथल में भी करीब पच्चीस हजार कट्टे प्याज प्रतिदिन पहुंच रही है।
इसके अलावा मालाखेड़ा और लक्ष्मणगढ़ में भी 5 से 10 हजार कट्टे प्याज आ रही है। पिछले कई सालों के मुकाबले इस बार जिले में प्याज का उत्पादन अच्छा हुआ है और भाव भी अच्छा मिल रहा है।