मुंबई। दिवंगत रतन टाटा (Ratan Tata) के सौतेले भाई 67 वर्षीय नोएल टाटा (Noel Tata) को तत्काल प्रभाव से टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन नियुक्त किया गया। टाटा ट्रस्ट्स के सभी न्यासियों की शनिवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद जारी बयान में नोएल टाटा ने कहा, ‘मेरे साथी न्यासियों द्वारा मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उससे मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं रतन नवल टाटा और टाटा समूह के संस्थापकों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं। टाटा ट्रस्ट्स का गठन एक सदी से भी पहले किया गया था और यह सामाजिक कल्याण के कार्य करने का अनूठा माध्यम है। इस अवसर पर हम अपने विकास और परोपकारी पहल को आगे बढ़ाने तथा राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए खुद को समर्पित करते हैं।’
इससे पहले मुंबई में हुई एक अलग बैठक में टाटा ट्रस्ट्स के सभी न्यासियों ने अपने दिवंगत चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया और न केवल टाटा समूह बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी उनके योगदान को याद किया गया।
टाटा समूह (Tata Group) की कंपनियों की होल्डिंग फर्म टाटा संस में टाटा ट्रस्ट्स की 66 फीसदी हिस्सेदारी है। नोएल, सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी ट्रस्ट के अहम न्यासी रहे हैं। उनकी शादी दिवंगत अरबपति उद्योगपति पलोनजी मिस्त्री की बेटी अलू से हुई है।
पलोनजी परिवार के पास टाटा संस की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है। पलोनजी मिस्त्री के बेटे दिवंगत साइरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने को लेकर रतन टाटा और मिस्त्री के बीच लंबी कानूनी लड़ाई चली थी। 2021 में सर्वोच्च न्यायालय के टाटा के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद यह विवाद थमा था। अदालत ने मिस्त्री को पद से हटाए जाने को वैध बताया था।
टाटा और मिस्त्री की लड़ाई के दौरान नोएल तटस्थ थे और अब टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन नियुक्त किए जाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि दोनों परिवारों के संबंधों में सुधार आएगा। टाटा परिवार के एक मित्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘हमें देखना होगा दोनों परिवारों के बीच संबंध कैसे रहते हैं। नेतृत्व में बदलाव को अच्छा संकेत माना जा सकता है।’
नोएल वर्तमान में टाटा समूह की रिटेल इकाई ट्रेंट के चेयरमैन हैं। एक दशक के दौरान देश भर में कारोबार विस्तार से कंपनी के शेयर भाव में 6,000 फीसदी का उछाल आई है। नोएल टाटा स्टील और वोल्टास के बोर्ड में निदेशक भी हैं।
प्रसिद्ध वकील और पारसी समुदाय की मुखर आवाज एचपी रानीना ने कहा, ‘टाटा ट्रस्ट्स की अगुआई करने के लिए नोएल सही पसंद हैं। मुझे उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया जाएगा। टाटा समूह के रिटेल कारोबार को बढ़ाने में उन्होंने अच्छा काम किया है। उनके बच्चे लीया, माया और नेविल को भी टाटा ट्रस्ट्स में शामिल किया जाना चाहिए।’रानीना ने कहा, ‘नोएल ट्रेंट और वोल्टास के काम में व्यस्त होंगे, ऐसे में टाटा ट्रस्ट के न्यासी मेहली मिस्त्री रोजमर्रा के कामकाज की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। ’
टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस पर टाटा ट्रस्ट्स का काफी प्रभाव है। टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा संस के बोर्ड में तीन प्रतिनिधियों को नामित करने का अधिकार है और सभी निर्णयों पर वीटो का भी अधिकार है। वर्तमान में टीवीएस समूह के मानद चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी विजय सिंह टाटा संस के बोर्ड में टाटा ट्रस्ट्स का प्रतिनिधित्व करते हैं।
नोएल के बच्चे माया, नेविल और लीया को 2022 में टाटा परिवार की परोपकारी संस्थाओं में न्यासी बनाया गया था। जब 2011 में टाटा समूह रतन टाटा के उत्तराधिकारी की तलाश कर रहा था, उस समय टाटा ने एक विदेशी अखबार को संकेत दिया था कि नोएल के पास आवश्यक कार्य अनुभव की कमी है, जिसके कारण शीर्ष पद के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया गया।2024 को समाप्त वित्त वर्ष में टाटा ट्रस्ट्स को टाटा संस से अभी तक का सबसे अधिक 933.4 करोड़ रुपये का लाभांश मिला था।