एमपावर ने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के लिए कोटा में किया ‘मार्च फॉर माइंड’

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कोटा। एमपावर ने आज मानसिक स्वास्थ्य को लेकर ‘मार्च फॉर माइंड’ का सफल आयोजन किया। मार्च फॉर माइंड रैली ओम कोठारी इंस्टीट्यूट से शुरू होकर कोटा के सिटी पार्क पहुंची।इस रैली में कोटा के विभिन्न कॉलेजों से 300 से अधिक छात्र – छात्राओं ने हिस्सा लिया।

मार्च के बाद प्रत्येक छात्र ने मानसिक स्वास्थ्य की कसम ली। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस से पहले यह छात्र मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एकजुट हुए।आयोजन का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति खुली बातचीत को प्रोत्साहित करना, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कलंक को समाप्त करना और समुदाय में युवाओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर करना था।

आदित्य बिरला एजुकेशन ट्रस्ट की पहल द्वारा स्थापित एमपावर की स्थापना नीरजा बिरला द्वारा की गई है। एमपावर की कार्यकारी महाप्रबंधक नेहल सिक्वेरा ने इस अवसर पर कहा कि “जैसे-जैसे विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के करीब पहुंच रहे हैं, केवल जागरूकता पैदा करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सार्थक चर्चाओं में सक्रिय रूप से शामिल करना भी महत्वपूर्ण है।

‘मार्च फॉर माइंड’ जैसी गतिविधियाँ मानसिक स्वास्थ्य के चारों ओर की बाधाओं को तोड़ने में मदद करती हैं, जिससे युवाओं के लिए खुलकर बात करना और जरूरत पड़ने पर सहायता प्राप्त करना आसान हो जाता है।”कोटा अपने कठोर शैक्षणिक माहौल के लिए जाना जाता है। विशेष रूप से छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के मामलों में यहां चिंताजनक वृद्धि हो रही है।

आंकड़े बताते हैं कि शैक्षणिक दबाव और व्यक्तिगत तनाव छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं, जिससे उनके समग्र उत्थान पर बुरा असर पड़ रहा है। एम्पावर की वीपी ऑपरेशन्स, परवीन शेख ने विशेष मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि”कोटा के छात्रों को विशेष चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसके लिए विशेष परामर्श और समर्थन की आवश्यकता है।

मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में एम्पावर की विशेषज्ञता इन चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण है। कोटा में एम्पावर की शुरुआत मील का पत्थर साबित होगी है। कोटा में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए एमपावर जल्द ही यहां अपनी मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा। जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों सहित छात्रों को भी आवश्यक मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्राप्त हो सकें।