कोटा शहर की विभिन्न कॉलोनियों एवं सड़कों पर वानरों एवं आवारा पशुओं का आतंक

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सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने कलेक्टर एवं महापौर को सौंपा ज्ञापन

कोटा। राजस्थान सेवानिवृत पुलिस कल्याण संस्थान कोटा के संभागीय अध्यक्ष नवनीत महर्षि तथा जिलाध्यक्ष तेजराज सिंह के नेतृत्व में सेवानिवृत पुलिसकर्मियों ने जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट डॉक्टर रविंद्र गोस्वामी तथा मंजू मेहरा, महापौर, नगर निगम, कोटा उत्तर को ज्ञापन प्रस्तुत कर शहर की समस्याओं के तत्काल निराकरण की मांग की है।

ज्ञापन के अनुसार स्थानीय छत्र विलास गार्डन एवं किशोर सागर तालाब की पाल के आसपास के क्षेत्र में वानरों तथा शहर के विभिन्न मोहल्लों में आवारा पशुओं के आतंक की ओर आकर्षित किया गया है। छत्र विलास गार्डन कोटा शहर का हृदय स्थल है जहां पर प्रतिदिन प्रात: और सायं काल शहर के हजारों नागरिक, जिनमें वरिष्ठ नागरिक भी सम्मिलित हैं, नियमित रूप से भ्रमण हेतु जाते हैं।

इस क्षेत्र में विगत कई वर्षों से वानरों का जमावड़ा बना रहता है जो टोलियां बनाकर गार्डन तथा किशोर सागर तालाब की पाल के आसपास के क्षेत्र में घूमते रहते हैं । सैलानियों के ऊपर उनके हमले की घटनाएं भी अब तो आम हो गई हैं। उनकी निरंतर मौजूदगी के कारण यहां घूमने आने वाले बच्चे एवं वृद्धजन सदैव हमले की आशंका के चलते आतंकित एवं भयभीत रहते हैं। हाल ही में स्वयं संगठन के संभागीय अध्यक्ष को भी वानरों द्वारा हमला कर गंभीर रूप से जख्मी किए जाने की घटना घटित हो चुकी है।

पूर्व में इन वानरों को पकड़कर उनका वन क्षेत्र में पुनर्वास किए जाने संबंधी ठेका भी किसी फर्म को दिया गया था किंतु कुछ दिन बाद ही इस कार्यवाही पर अज्ञात कारणों से रोक लगा दी गई। इन वानरों की निरंतर उपस्थिति के कारण इस क्षेत्र में लगातार मानव जीवन के प्रति खतरा बढ़ता जा रहा है। इसका मुख्य कारण इस क्षेत्र के आस पास अवैध रूप से खाद्य पदार्थों का विक्रय है जो आस्था की आड़ में कुछ वेंडर्स द्वारा किया जा रहा है।

बच्चों के हाथों में इन खाद्य पदार्थों को देखकर वानर अचानक उन पर हमलावर हो जाते हैं तथा प्रतिरोध के कारण कभी-कभी उन्हें जगह-जगह पर काटकर अथवा पंजों द्वारा घायल भी कर दिया जाता है। ऐसी घटनाओं से पीड़ितों के संक्रमित होने का खतरा भी बना रहता है। इसी प्रकार से शहर के विभिन्न मोहल्ले में स्थानीय निवासी भी आवारा पशुओं के आतंक से परेशान हैं।

ज्ञातव्य है कि उनके हमले के कारण भी शहर में कई नागरिकों को घायल होने के साथ-साथ अपने जीवन तक से हाथ धोना पड़ा है। संगठन ने मांग की है कि इन वानरो को पकड़कर वन्य क्षेत्र में इनका पुनर्वास किए जाने संबंधी कार्यवाही नगर निगम के माध्यम से तत्काल कराई जाए।

इससे पूर्व छत्र विलास उद्यान तथा किशोर सागर तालाब की पाल के आसपास खाद्य पदार्थों के विक्रय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए तथा सभी वेंडर्स को इस बाबत पाबंद करने के साथ साथ कोटा शहर को आवारा पशुओं के आतंक से भी मुक्त कराने संबंधी कार्यवाही संपादित कराएं।

प्रतिनिधिमंडल में संभागीय महासचिव सलाहउद्दीन सिद्दीकी, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश प्रसाद मीणा, उपाध्यक्ष भंवर सिंह हाड़ा, सलाहकार अतहर खान तथा प्रचार मंत्री राम दयाल नागर आदि सम्मिलित रहे।