स्पीकर बिरला ने किया 131वें राष्ट्रीय दशहरा मेले का आगाज, आसमान में गुब्बारे छोड़े

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कोटा। Kota Dussehra Mela: मेला दशहरा 2024 का गुरुवार को ध्वजारोहण के साथ भव्य आगाज हुआ। मुख्य अतिथि लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने मेले के उद्घाटन की औपचारिक घोषणा की। इस दौरान आसमान में गुब्बारे छोड़े गए। इसके बाद रामलीला का भी शुभारंभ हुआ। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, विधायक संदीप शर्मा, कल्पना देवी, मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी, तथा महापौर राजीव भारती भी उपस्थित रहे।

समारोह को संबोधित करते हुए ओम बिरला ने कहा कि मां दुर्गा के विविध स्वरूप की पूजा अर्चना करने से जो शक्ति प्राप्त होती है। वह जन-जन के कल्याण के काम आए। मां के पूजन से समृद्धि और खुशहाली आती है। मां दयालु होती है। वह पापी का नाश करने के लिए दुर्गा का स्वरूप भी धारण कर लेती है। नवरात्रि भी इसी तरह आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर है। यह आत्म शुद्धि और आत्म चिंतन का अवसर प्रदान करता है। धर्म के मार्ग पर चलते हुए सत्य के मार्ग पर चलते हुए जीवन की चुनौतियों से निपटने का अवसर हमको प्राप्त होता है।

उन्होंने कहा कि राज परिवारों द्वारा कई वर्षों पहले संस्कृति के पर्व मेले शुरू किए गए थे। मेले की परंपरा में व्यापार करने वाले व्यापारी मेलों के माध्यम से आर्थिक संबल प्राप्त करते हैं। यह मेले आत्मनिर्भर भारत का मॉडल है। आज हमें गर्व है कि हमारा मेला राष्ट्रीय स्तर का मेला बन चुका है। यह हमारे धर्म संस्कृति का प्रतीक है।

आज रामलीला भी शुरू हुई है। भगवान श्री राम के जीवन दर्शन और विचारों को प्रकटीकरण है। जिससे हमें प्रेरणा मिलती है। भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष वनवास में रहते हुए गरीब वंचित को साथ लेकर सत्य और पाप पर विजय प्राप्त की थी। हेमा मालिनी बहुत लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से हैं। उन्होंने कला के माध्यम से भारत की आध्यात्मिक संस्कृति को विश्व भर में पहुंचाने में बहुत बड़ा योगदान है। उनकी कला शैली सदैव जीवंत रहेगी।

रामलीला का शुभारंभ
इस दौरान रामलीला का भी शुभारंभ हुआ। श्यामा श्याम लीला संस्थान, वृन्दावन के कलाकार श्रीराम लीला का मंचन करेंगे। इस संस्थान के द्वारा अब तक कनाडा, थाईलैंड, अमेरिका, नेपाल समेत विभिन्न देशों में रामलीला का मंचन किया जा चुका है। वही कोटा में भी पूर्व में रामलीला, कृष्ण लीला और रासलीला का मंचन कर चुके हैं। संस्थान के अध्यक्ष हरिबल्लभ शर्मा ‘रासाचार्य’ ने बताया कि संस्थान की ओर से संगीतज्ञ, मंच सज्जा के कारीगर और अभिनय करने वाले पात्र समेत कुल 30 लोगों की टीम कोटा पहुंच चुकी है। व्यास पीठ पर पं. महेश शर्मा विराजमान होकर रामलीला का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्री रामचरितमानस पर आधारित प्रसंग का मंचन किया जाएगा। वहीं राधेश्याम रामायण और वाल्मीकि रामायण से भी कुछ पुट लेते हैं। इस बार रामलीला के दौरान विशेष मंच सज्जा देखने को मिलेगी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को नारद मोह की लीला का मंचन होगा।