अब स्वयं सहायता समूह भी होंगे डिजीटाईज़ड
कोटा। स्वयं सहायता समूहों को डिजीटाइज़ करने की परियोजना “ई-शक्ति” का शुभारंभ कोटा जिले में नाबार्ड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। इस परियोजना के लागू होने से स्वयं सहायता समूहों के खातों के रखरखाव में पारदर्शिता आएगी जिससे समूहों की रेटिंग और बैंकों द्वारा ऋण आवेदनों के मूल्यांकन/निष्पादन में तेजी आएगी।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक (DDM) राजीव दायमा ने बताया कि “ई-शक्ति” परियोजना भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन का हिस्सा है और इसका मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों और उनके सदस्यों के खातों व लेनदेन के अभिलेख को मोबाईल एप आधारित इलेक्ट्रोनिक प्लेटफार्म पर लाना है, जिससे समूह के बैंक ऋण संयोजन में सुगमता होगी।
उन्होंने बताया की यह परियोजना वर्ष 2015 में झारखंड राज्य के रामगढ़ जिले और महाराष्ट्र राज्य के धुले जिले से आरम्भ हुई थी। योजना के द्वितीय चरण में वर्ष 2016 में इसे 25 जिलों तक बढाया गया और अब इस परियोजना के तृतीय चरण में देश के 100 जिले कवर हो चुके है।
तृतीय चरण में राजस्थान 7 जिलों का चयन किया गया है और इन जिलों में 31 मार्च 2018 तक सभी सक्रिय स्वयं सहायता समूहों (जिनमें कोटा जिले के लगभग 5000 समूह शामिल है) का डिजिटलीकरण करने के पश्चात बैंकों से क्रेडिट लिंकेज पर जोर दिया जाएगा। विस्तृत जानकारी के लिए वीडियो देखिए –