नई दिल्ली। किसानों के फायदे के लिए मोदी सरकार ने खाद्य तेलों का आयात शुल्क बढ़ा दिया है। सरकार ने कच्चे और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर सीमा शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। इसे बढ़ाकर 20 फीसदी और 32.5 फीसदी किया गया है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर मूल सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया है। वहीं, रिफाइंड पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर मूल सीमा शुल्क 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 32.5 फीसदी हो गया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे देश के किसानों को फायदा होगा। यह और बात है कि विदेश से आने वाला ईडेबल ऑयल महंगा होगा। महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव से पहले यह कदम उठाया गया है।
इन कच्चे तेलों पर प्रभावी शुल्क 5.5 से बढ़कर 27.5 फीसदी और रिफाइंड तेलों पर 13.75 से बढ़कर 35.75 फीसदी हो जाएगा। शुल्क में यह बदलाव शनिवार से प्रभावी हो गया है। सरकार के इस कदम से घरेलू तेल उत्पादकों को प्रोत्साहन मिल सकता है। देश की तेल आवश्यकताओं को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में यह एक कदम होगा। इसके अलावा घरेलू तेल उत्पादन बढ़ने से किसानों को बेहतर दाम मिल सकते हैं। उनकी आय में बढ़ोतरी होने के आसार हैं। हालांकि, तत्काल प्रभाव में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
सरसों के मिलेंगे अच्छे दाम
इसके साथ ही रबी में तिलहन की बुवाई में भी बढ़ोतरी होगी और सरसों की फसल के भी अच्छे दाम किसानों को मिल सकेंगे। उन्होंने कहा, इस फैसले से सोया खली का उत्पादन बढ़ेगा और उसका निर्यात हो सकेगा और सोयाबीन से जुड़े अन्य क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा।
अन्नदाताओं को लाभ होगा: मोदी
इन फैसलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “किसान भाई-बहनों के हित में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। चाहे प्याज का निर्यात शुल्क कम करना हो या खाद्य तेलों का आयात शुल्क बढ़ाना हो। ऐसे कई फैसलों से हमारे अन्नदाताओं को लाभ होने वाला है।”
उचित दाम दिलाने के लिए निर्यात को बढ़ावा
जबकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “किसानों के हित में मोदी सरकार ने तीन अहम फैसले लिए हैं। सरकार किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने के लिए निर्यात को बढ़ा रही है, ताकि वे अपनी फसल का अधिक से अधिक दाम प्राप्त कर पाए।”