मुंबई। अमेरिका में नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि के बावजूद गुजरात विधानसभा के चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के विजयी होने की उम्मीदों के बीच रुपये में दो सत्रों से जारी गिरावट थम गई और यह डालर के मुकाबले 10 पैसे की तेजी के साथ 64.34 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
नवंबर में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 3.93 प्रतिशत होने के बावजूद रुपया अमेरिकी केन्द्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि किये जाने के प्रभावों और बाजार की उथल पुथल से व्यापक तौर पर बचा रहा।
विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार को दूसरी तिमाही के चालू खाता घाटे के अनुमान से कम रहने से भी कुछ सुकून प्राप्त हुआ। स्थानीय शेयर बाजार की तेजी से भी रुपये की तेजी को मदद मिली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में भाजपा की जीत की उम्मीद से कारोबार पर अनुकूल असर हुआ।
इस बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस वर्ष तीसरी बार अल्पावधिक ब्याज दर को चौथाई प्रतिशत बढ़ाकर 1.25 से 1.5 प्रतिशत के दायरे में कर दिया है और वर्ष 2018 में इसमें और वृद्धि के अनुमानों को जीवित रखा है।
अन्तर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार रुपया 64.35 पर मजबूत रुख लिए खुला । बुधवार को बाजार 64.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान एक समय यह 64.2450 तक चढ़ने के बाद अंत में 10 पैसे अथवा 0.16 प्रतिशत की तेजी के साथ 64.34 रुपया प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
रिजर्व बैंक ने आज के लिए संदर्भ दर 64.2795 रुपया प्रति डॉलर और 75.9980 रुपया प्रति यूरो निर्धारित की थी। बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज 194 अंक की तेजी दर्शाता 33,246.70 अंक पर बंद हुआ। अन्तर मुद्रा कारोबार में पौंड, यूरो और जापानी येन के मुकाबले रुपये में गिरावट आई।