भोपाल। मध्य प्रदेश ने ‘सोयाबीन स्टेट’ का दर्जा पुनः हासिल कर लिया है जबकि उसका निकटतम प्रतिद्वंदी- महाराष्ट्र दोबारा दूसरे स्थान पर चला गया। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2023-24 के सीजन में सोयाबीन के उत्पादन में मध्य प्रदेश पहले, महाराष्ट्र दूसरे तथा बड़े अंतर के साथ राजस्थान तीसरे नम्बर पर रहा।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबक 2023-24 सीजन के दौरान मध्य प्रदेश में 54.70 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ और इस तरह कुल राष्ट्रीय उत्पादन में उसकी भागीदारी 41.92 प्रतिशत दर्ज की गई।
इसी अवधि के दौरान महाराष्ट्र में 52.30 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ और सकल राष्ट्रीय पैदावार में उसका योगदान 40.01 प्रतिशत रहा। हालांकि राजस्थान पहले की भांति तीसरे स्थान पर बरकरार रहा जहां 11.70 लाख टन या 8.96 प्रतिशत सोयाबीन का उत्पादन हुआ मगर मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र से उसकी पूरी काफी अधिक रही।
उल्लेखनीय है कि उससे पीछे के दो वर्षों में यानी 2022-23 एवं 2021-22 के सीजन में मध्य प्रदेश को पीछे छोड़कर महाराष्ट्र देश में सोयाबीन का नंबर वन उत्पादक राज्य बन गया था।
2022-23 सीजन के दौरान महाराष्ट्र में सोयाबीन का उत्पादन बढ़कर 54.70 लाख टन (42.12 प्रतिशत) पर पहुंचा था जबकि मध्य प्रदेश था।इससे पूर्व 2021-22 सीजन के महाराष्ट्र में सोयाबीन का उत्पादन तेजी से उछलकर 62 लाख टन (48.7 प्रतिशत) के शीर्ष स्तर पर पहुंचा था जबकि मध्य प्रदेश में उत्पादन घटकर 46.10 लाख टन (35.78 प्रतिशत) पर अटक गया था।
लेकिन 2020-21 के सीजन में मध्य प्रदेश में 51.50 लाख टन एवं महाराष्ट्र में 46 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था। दोनों राज्यों में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा बनी रहती है।