Soybean Sowing: राजस्थान में सोयाबीन के बिजाई क्षेत्रफल में भारी गिरावट

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जयपुर। Soybean Sowing: देश के पश्चिमी भाग में अवस्थित एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान यद्यपि धान, ज्वार, मक्का, मूंग तथा मूंगफली जैसी फसलों के उत्पादन क्षेत्र में कुछ बढ़ोत्तरी हुई है।

मगर बाजरा, उड़द, मोठ, चौला, तिल, सोयाबीन, कपास एवं ग्वार आदि की बिजाई में भारी गिरावट आने से खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 29 जुलाई तक 154.61 लाख हेक्टेयर से करीब 9.68 लाख हेक्टेयर घटकर 144.93 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। 2023-24 के सीजन में वहां कुल मिलाकर 162.88 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती हुई थी।

राज्य कृषि विभाग के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान राजस्थान में धान एवं मोटे अनाजों का उत्पादन हेतर 62.71 लाख हेक्टेयर से घटकर 59.71 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।

इसके तहत धान का क्षेत्रफल 2.34 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.68 लाख हेक्टेयर, ज्वार का बिजाई क्षेत्र 6.14 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 6.32 लाख हेक्टेयर तथा मक्का का रकबा 9.40 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 9.51 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर बाजरा का उत्पादन क्षेत्र 44.75 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 41.18 लाख हेक्टेयर रह गया। कुछ क्षेत्रों में फसलों की बिजाई जारी है।

दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 34.06 लाख हेक्टेयर से गिरकर इस बार 32.98 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। इसके तहत मूंग का बिजाई क्षेत्र 21.37 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 21.63 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर मोठ का रकबा 8.78 लाख हेक्टेयर से घटकर 7.78 लाख हेक्टेयर,

उड़द का बिजाई क्षेत्र 3.18 लाख हेक्टेयर तथा चौला का क्षेत्रफल 63 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 54 हजार हेक्टेयर पर अटक गया।

तिलहन फसलों का रकबा भी 22.90 लाख हेक्टेयर से घटकर 21.67 लाख हेक्टेयर रह गया। इसके तहत मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 7.97 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 8.41 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा लेकिन सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 11.42 लाख हेक्टेयर से घटकर 10.97 लाख हेक्टेयर,

तिल का क्षेत्रफल 2.27 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.94 लाख हेक्टेयर तथा अरंडी का बिजाई क्षेत्र 1.24 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 35 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया। इसके अलावा वहां कपास का उत्पादन क्षेत्र 7.83 लाख हेक्टेयर से घटकर 5.04 लाख हेक्टेयर तथा ग्वार का रकबा 23.40 लाख हेक्टेयर से गिरकर 22.10 लाख हेक्टेयर रह गया।