मथुराधीश मन्दिर पर हिंडोला महोत्सव शुरू, 22 अगस्त तक चलेगा ठाकुर जी का हिंडोला मनोरथ
कोटा। शुद्ध अद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर बुधवार से हिंडोला महोत्सव शुरू हुआ। जिसमें प्रभु को सुसज्जित और आकर्षक हिंडोले में विराजित कर पलना दिया गया। भक्तों ने जयकारों के साथ प्रभु के बालस्वरूप के खूब लाड़ लड़ाए। बुधवार को कामिका एकादशी पर डोल तिबारी में प्रभु के हिंडोला में दर्शन हुए। हिंडोले का अधिवासन किया गया।
इस दौरान प्रभु का भारी श्रृंगार किया गया था। मंदिर के सभी मुख्य द्वारों की देहलीज को हल्दी से लीपा गया एवं आशापाला की सूत की डोरी की वंदनमाल बाँधी गई। मंगल भोग के पश्चात ठाकुरजी को चन्दन, आवंला एवं फुलेल से अभ्यंग कराया गया।
श्रावण मास में बदली भोग सेवा
प्रथम पीठ युवराज गोस्वामी मिलन बावा ने बताया कि हिंडोलना रोपण के पश्चात उत्सव भोग में विशेष रूप से खस्ता शक्करपारा, छुट्टी बूंदी, दूधघर में सिद्ध मावे के पेड़ा-बर्फी, दूधपूड़ी, विविध प्रकार के संदाना (आचार) के बटेरा, विविध प्रकार के फल आदि आरोगाये जाएंगे। ऊष्णकाल की समाप्ति और श्रावण मास के आरम्भ के साथ लिचोई-आमरस बंद हो जाता है एवं चूरमा-बाटी, मानभोग, गेहूं के आटे और मूंग की दाल का सीरा अरोगना प्रारंभ हो जाता है।
22 अगस्त तक चलेगा हिंडोला महोत्सव
मिलन बावा ने बताया कि 1 से 22 अगस्त तक प्रतिदिन शाम 5.30 बजे से हिंडोला मनोरथ के दर्शन होंगे। मनोरथ के दौरान प्रभु का आकर्षक भारी श्रृंगार किया जाएगा तथा अधिवासन होगा। वही पुष्टिमार्गीय कीर्तन गुंजेंगे। विविध द्रव्यों से निर्मित आकर्षक झूले में विराजमान कर पुष्टिमार्गीय परंपरा के अनुसार प्रभु के बाल स्वरुप को लाड़ लड़ाते हुए पलना दिया जाएगा। इस दौरान सोने, चांदी, मखमल, फल, पत्ती, मोती, कांच, फूल, जरी से निर्मित पंचरंगी, केसरी हिंडोले को आकर्षक रुप में सजाया जाएगा।