ईश्वर के 12 नामों का जप सैनिकों के लिए करो-पं.नागरजी

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श्रीमद भागवत कथा में मौजूद महिला श्रद्धालु।
  • ऐतिहासिक धर्मसभा : बड़ां के बालाजी धाम पर पूज्य संत नागरजी की कथा के अंतिम दिन एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं का हुआ विराट संगम

  • कथा मंच पर दो पार्टी के दिग्गज नेताओं ने गले मिलकर एकता व भाईचारे का संदेश दिया

अरविंद, बारां/कोटा। बड़ां के बालाजी धाम में रविवार को श्रीमद् भागवत कथा के भव्य समापन में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं का संगम हुआ। कथा स्थल के चारों ओर भक्तों का उत्साह हिलौरें ले रहा था। श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ जाने से ढाई लाख वर्गफीट के विशाल पांडाल की चारदीवारी को हटाना पड़ा।

गौसेवक संत पूज्य पं.कमलकिशोर नागरजी ने कहा कि राजस्थान की माटी पर श्रद्धा और भक्ति का ऐसा सागर दर्शाता है कि यह भूमि वीरता और भक्ति में समृद्ध है। देश में गाय, गंगा, गोवर्धन और भागवत ग्रंथ हमारे पाप को छोटा और पुण्य को बड़ा करते हैं।

जिस तरह, एक जगह 3 घंटे बिजली कटौती से दूसरी जगह बिजली मिल जाती है, वैसे ही भागवत कथा में रोज 3 घंटे आपके पापों की कटौती होती है। यहां हम ईश्वर का आभार व्यक्त करेंगे तो हमारे पापों का भार कम हो जाएगा। खचाखच भरे पांडाल में उन्होंने विनम्र प्रार्थना की- हे प्रभू, श्रद्धालु को चढ़ाए तो अपनी पेढ़ी पर चढाना और गिराए तो तेरे चरणों में गिराना।

धाराप्रवाह प्रवचन में उन्होंने कहा कि आज देश व धर्म में विकृतियां बढ़ रही है। दुर्भाग्य से कई साधू एसी में बैठकर हलुआ खा रहे हैं और घरों में उनके फोटो की पूजा हो रही है। जबकि हमारे सैनिक बर्फ पर खडे़ होकर 24 घंटे सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। देश व सीमा सुरक्षित हैं लेकिन सैनिक सुरक्षित नहीं है, वे गोलियों के सामने खडे़ रहते हैं।

ईश्वर का नाम ही उनका रक्षा कवच है। इसलिए आज यह संकल्प लें कि हम रोज ईश्वर के 12 नाम का जप सैनिकों के नाम करेंगे।  उन्होने कहा कि मंदिर में भगवान से यह प्रार्थना करो कि मैं रोज दर्शन करूं, तो आपकी दृष्टि मुझ पर पड़े।

मुझे भरोसा है कि जिस दिन मैं नहीं आ सकूंगा, उस दिन तू आएगा। रोज ईश्वर का आभार प्रकट करें। भूमि पूजन कार्यक्रम का दिखावा बंद कर रोज भारत की भूमि का पूजन करें।

कथा मंच पर मिले दो दिग्गज सांसद दुष्यंत सिंह और पूर्व मंत्री प्रमोद भाया

दो दिग्गज नेता व संत का हुआ त्रिवेणी संगम
धर्मसभा उस समय प्रेम व सद्भाव की उंचाइयों को छू गई जब कथा स्थल पर झालावाड़-बारां के सांसद  दुष्यंत सिंह ने श्रीमद भागवत पूजा-अर्चना की।  महावीर गौशाला कल्याण परिषद के संरक्षक पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं उर्मिला भाया ने उनका पुष्पाहार से स्वागत किया।

गौसेवक संत से आशीर्वाद पाकर दोनों नेता परस्पर गले मिले, एक-दूसरे को माला पहनाकर भाईचारे का संदेश दिया। कथा में पूर्व मंत्री श्री हरिमोहन शर्मा भी पहुंचे । मंच पर संत और राजनेताओं के त्रिवेणी संगम को देख एक लाख श्रद्धालुओं की करतलघ्वनि से आसमान गूंज उठा।

संत नागरजी ने कहा कि यह मिलन प्रेम का सूत्रपात है। हम दाल-चांवल की तरह मिलजुलकर रहें, यही देश की परंपरा है। यह कथा राजनीति से परे है। भगवान दिलों को जोड़ने का संदेश देते हैं।

छोटे बच्चों को मोेबाइल से बचाओ
पूज्य नागरजी ने कहा कि संस्कृति को संभालना है तो कम उम्र के बच्चों को मोबाइल से बचाओ। सूचना या बात करने के लिए मोबाइल काॅमन हो। अलग-अलग मोबाइल पर प्राइवेट बातें विकृतियां पैदा कर रही है। इससे परिवार टूटने लगे हैं।

बच्चों से खूब प्यार करो लेकिन मोबाइल के दुष्परिणाम बहुत घातक हो सकते हैं, इससे दूरी रखनी होगी। माता-पिता सब्जी लेते समय कांटे पर बहुत नजर रखते हैं लेकिन संतान कहां जा रही है, उस पर नजर नहीं है। उसकी संगत देखो। गुरूनानक वाणी का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जैसी संगत हमें मिलेगी, वाणी औश्र आचरण वैसा ही होगा।