आम बजट में दलहन एवं तिलहन सहित कृषि उत्पादन बढ़ाने पर जोर

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नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री संसद में प्रस्तुत किए गए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आम बजट में अन्य क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ दलहन एवं तिलहन सहित कृषि उत्पादन बढ़ाने की जरूरत पर विशेष जोर दिया गया है।

कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में बढ़ोत्तरी की गई है और दलहन तथा तिलहन क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय मिशन का प्रस्ताव किए गया है। कृषि क्षेत्र से जुड़े अनुसन्धान एवं विकास कार्यों के लिए बजट आवंटन वृद्धि की गई है। 32 फसलों की 100 से अधिक उन्नत एवं ऊंची उपज दर वाली किस्मों का विकास हो चुका है और अब इसके व्यावसायिक उत्पादन की अनुमति देने की प्रक्रिया चल रही है।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में विभिन्न फसलों की उत्पादकता दर बढ़ाने पर विशेष जोर दिया। उल्लेखनीय है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अधीनस्थ संस्थाओं द्वारा धान एवं गेहूं सहित अन्य फसलों की ऐसी नई किस्मों के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है जिसमें प्रतिकूल मौसम के प्रभाव को सहन करने की अधिक से अधिक क्षमता मौजूद हो।

इससे नुकसान की आशंका कम रहेगी। भारत खाद्यान्न के मामले में तो आत्मनिर्भर हो चुका है मगर दलहन-तिलहन के उत्पादन में काफी पिछड़ रहा है। इसके फलस्वरूप देश को प्रति वर्ष विशाल मात्रा में विदेशों से दलहनों एवं खाद्य तेलों का आयात करने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

इस आयात पर भारी-भरकम बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च होती है। सरकार इसमें आत्मनिर्भरता प्राप्त करके आयात को कम या ख़त्म करना चाहती है ताकि राष्ट्रीय अर्थ व्यवस्था पर दबाव समाप्त हो सके।