Kharif Crop: तिलहन, दलहन की बिजाई में वृद्धि से खरीफ फसलों का रकबा बढ़ा

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नई दिल्ली। Kharif Crop Area: केंद्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष के दौरान 19 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 704.04 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समानअवधि के बिजाई क्षेत्र 680.36 लाख हेक्टेयर से काफी अधिक है। इसके तहत खासकर धान, दलहन, तिलहन एवं गन्ना के क्षेत्रफल में इजाफा हुआ है मगर मोटे अनाजों एवं कपास के रकबे में कमी आई है।

उपलब्ध आकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान दलहनों का उत्पादन क्षेत्र 70.14 लाख हेक्टेयर से उछलकर 85.79 लाख हेक्टेयर, धान का क्षेर्त्फल 155.65 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 166.06 लाख हेक्टेयर, तिलहनों का बिजाई क्षेत्र 150.91 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 163.11 लाख हेक्टेयर तथा गन्ना का रकबा 57.05 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 57.68 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। दूसरी ओर श्री अन्न सहित मोटे अनाजों का रकबा 134.91 लाख हेक्टेयर से गिरकर 123.72 लाख हेक्टेयर तथा कपास का बिजाई क्षेत्र 105.66 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 102.05 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया।

दलहनों फसलों में उम्मीद के अनुरूप अरहर (तुवर) की बिजाई में भारी बढ़ोत्तरी हुई है और इसका उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 19.34 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 33.48 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। इसी तरह मूंग का बिजाई क्षेत्र 22.76 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 25.11 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा लेकिन उड़द का रकबा 19.86 लाख हेक्टेयर से गिरकर 19.62 लाख हेक्टेयर रह गया। मोठ का क्षेत्रफल भी 6.08 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.95 लाख हेक्टेयर रह गया।

तिलहन फसलों में मूंगफली का उत्पादक क्षेत्र 33.15 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 37.34 लाख हेक्टेयर तथा सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 108.97 लाख हेक्टेयर से उछलकर 119.04 लाख हेक्टेयर हो गया जबकि तिल का क्षेत्रफल 7.15 लाख हेक्टेयर से घटकर 5.61 लाख हेक्टेयर तथा अरंडी का रकबा 1.14 लाख हेक्टेयर से गिरकर 29 हजार हेक्टेयर रह गया। सूरजमुखी एवं नाइजर सीड के बिजाई क्षेत्र में कुछ बढ़ोत्तरी हुई है। तिलहन फसलों की बिजाई अभी जारी है।

मोटे अनाजों में ज्वार का रकबा 10.07 लाख हेक्टेयर से गिरकर 9.81 लाख हेक्टेयर तथा बाजरा का बिजाई क्षेत्र 57.99 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 42.09 लाख हेक्टेयर पर आ गया। रागी का क्षेत्रफल 1.70 लाख हेक्टेयर पर स्थिर रहा जबकि मक्का का उत्पादन क्षेत्र 63 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 67.78 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। स्मॉल मिलेट्स की बिजाई में ज्यादा अंतर नहीं है।