Rath Yatra: पारीक पंचायत ने भक्ति भाव से निकाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा

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कोटा। Rath Yatra: पारीक पंचायत की ओर से शहर में रविवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भक्ति भाव से निकाली। प्रवक्ता राहुल पारीक ने बताया कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य रथयात्रा में भक्ति और उत्सव के रंग दिखे।

सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ रथयात्रा में हिस्सा लिया और प्रुभ जगन्नाथ के जयकारों के साथ रथ खींचते रहे। अध्यक्ष रासबिहारी पारीक ने बताया कि विराट,भव्य रथ में प्रभु जगन्नाथ नगर भ्रमण को निकले। महामंत्री अशोक पारीक ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा थे।

भारतीय संस्कृति का दर्शन है रथयात्रा
विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि जगन्नाथ रथयात्रा न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक जीवंत प्रदर्शन भी है। यह आयोजन भक्ति, एकता और सामुदायिक सद्भाव का प्रतीक है। समाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस परम्परा को ऐसे ही निभाते रहें और अधिक सहभागिता के लिए प्रयास करें ।

भक्तों का उत्साह
रथयात्रा के मार्ग पर हजारों भक्त एकत्रित थे। लोगों ने भजन-कीर्तन के साथ रथ को खींचने में भाग लिया। कई श्रद्धालु पूरे रास्ते नंगे पांव चलते रहे। पूरा माहौल भक्ति भाव से सराबोर हो गया। महिला मंगल गीत गा रही थी। यात्रा में विभिन्न भगवानों की झांकियां भी रथयात्रा में शोभायमान थी। रथ यात्रा के मुख्य आकर्षण नन्हे बालक बालिकाएं रहीं जो राधा—कृष्ण के वेशभूषा में रथ यात्रा की हिस्सा रही। कार्यक्रम के अंत अतिथियों ने उन्हें पुरस्कृत किया।

इन मार्गों से गुजरी रथयात्रा
अध्यक्ष रासबिहारी पारीक ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का शुभारंभ सांय 6 बजे श्रीपुरा स्थित जगदीश मंदिर से किया। श्रीपुरा मंदिर से भगवान दर्शन देते हुए बिड़ला मेडिकल, मोखापाडा, कैथूनीपोल पुलिस थाना, फर्नीचर मार्केट, लाल बुर्ज, गंधीजी की पुल से सुभाष सर्किल टिप्पन चौकी होते हुए मंदिर परिसर पहुंची।

शोभायात्रा में भक्त गण परम्परागत वेशभूषा में रथयात्रा से जुड़े। रथयात्रा में बैंड, घोड़े, ऊंट गाड़ियां, बग्गियों पर राधा कृष्ण, भगवान भोले बिराजे तथा बटुक वेदपाठ करते हुए रहे। जीवंत झांकियां,के साथ महर्षि पाराशर की झांकी भी रही। रथयात्रा मंदिर परिसर में पहुँचने के उपरांत सभी श्रद्धालुओं ने महाआरती में भाग लिया। महामंत्री अशोक पारीक ने बताया कि रथयात्रा में समाज के बंधु एवं महिलाएं काफी तादाद में शामिल हुईं।