कोटा-बूंदी शैली के मनमोहक चित्रों को देख प्रफुल्लित हुई एसपी अमृता दुहन

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कोटा। राजस्थान ललित कला अकादमी एवं कला संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के तत्वावधान में आयोजित कोटा की कला दीर्घा में चल रहे प्रशिक्षण शिविर का समापन गुरूवार को हुआ। 15 दिवसीय चित्रकला शिविर में प्रतिभागियों द्वारा बनाए गए चित्र और चित्रों की एक प्रदर्शनी का आयोजन भी कला दीर्घा में किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं शिविर का समापन कोटा शहर की पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन द्वारा किया गया।

कोटा -बूंदी चित्र शैली के विभिन्न विषयों पर बनाए गए मनमोहक चित्रों की श्रृंखला को देखकर अमृता दुहन प्रफुल्लित हो गई। उन्होंने सभी प्रतिभागियों के कार्यों की भरपूर प्रशंसा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हाडोती चित्रकला की कोटा-बूंदी शैली विश्व विख्यात है और इस चित्र शैली के चित्रों को सीख कर सभी प्रतिभागी इसे आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे तो परंपरागत चित्र शैलियां न सिर्फ आम जन तक लोकप्रिय होंगी, अपितु समग्र कला संसार में भी अपना नाम बढ़ाएगी।

उन्होंने कहा कि कला को एकाग्रता से सीखना चाहिए और कला का कार्य करते समय इसकी सभी बारीकियों का भी ध्यान रखना चाहिए। शिविर के समापन अवसर पर बडी संख्या में कला प्रेमियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव ने शिविर के उद्देश्यों पर पर अपने विचार व्यक्त किए। शिविर के प्रभारी समन्वयक डॉ. राकेश सिंह ने भी शिविर के बारे में समग्र जानकारी प्रदान की एवं सभी का आभार व्यक्त किया।

राकेश सिंह ने कहा कि इस तरह के शिविर ना केवल बच्चों, बल्कि चित्रकला से जुडे लोगों के लिए आगे बढने का बडा माध्यम है। इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कला संस्कृति पर्यटन एवं पर्यावरण से जुड़े कोटा प्रभारी हनीफ जेदी रहे।

इनके साथ-साथ समारोह में हाडोती शैली के व्याख्यता चित्रकार मोहम्मद लुकमान, जाहिद बेग को भी सम्मानित किया गया। समारोह में सभी प्रतिभागियों को राजस्थान ललित कला अकादमी द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर डॉ. मुक्ति पाराशर, सुधाकर शर्मा, नरेन्द्र जेरथ आदि वरिष्ठ कला प्रेमी उपस्थित रहे।