नई दिल्ली। NHAI (नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने टोल प्लाजा पर आईटी सिस्टम और हार्डवेयर में बड़े बदलाव का ऑर्डर दे दिया है। इससे फास्टैग ट्रांजैक्शन अभी के मुकाबले ज्यादा तेज होंगे। ट्रांजैक्शन्स की फास्ट प्रोसेसिंग से टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में काफी कमी आएगी।
अभी की बात करें, तो कई टोल प्लाजा पर लगे डिवाइस फास्टैग को अक्सर रीड नहीं कर पाते। इसके चलते टोल प्लाजा कर्मचारियों को हैंडहेल्ड डिवाइस से टैग को स्कैन करना पड़ता है, जिसमें काफी समय खराब होता है। अब हाइवे अथॉरिटी अच्छे एक्सपीरियंस वाली कंपनियों को अपने पैनल में रखेगी। इन्हें अब मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी के STQC (Standardisation Testing and Quality Certification) से सर्टिफाइड मैन्युफैक्चरर्स से ही इक्विपमेंट लेना होगा।
NHAI की टोल प्लाजा मैनेज करने वाली इकाई IHMCL के अनुसार अब RFID रीडर, ऐंटेना, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर, टोल लेन कंट्रोलर और टोल प्लाजा सर्वर के लिए STQC जरूरी होगा। IHMCL के नए स्पेसिफिकेशन्स के अनुसार सिस्टम इंटीग्रेटर्स को IHMCL को एक अंडरटेकिंग देना होगा, जिसके अनुसार टोल प्लाजा पर इक्विपमेंट के कारण कोई भी गड़बड़ी होने पर इन्हें तुरंत पैनल से सस्पेंड कर दिया जाएगा।
ऑटोमैटिक रिचार्ज होगा फास्टैग
RBI ने 7 जून को हुई मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में ई-मैंडेट के लिए नए फ्रेमवर्क का ऐलान किया। यह फास्टैग और नैशनल मोबिलिटी कार्ड के लिए ऑटोमैटिक रिचार्ज की सुविधा देगा। ऑटोमैटिक रिचार्ज के लिए ग्राहकों को वीकली, मंथली और डेली का ऑप्शन मिलेगा। ऑटोमैटिक रिचार्ज के लिए ग्राहक को एक अमाउंट सेट करना होगा। बैलेंस के इस अमाउंट पर पहुंचते ही फास्टैग अपने आप रिचार्ज हो जाएगा। ग्राहक रेग्युलर और रेकरिंग पेमेंट ट्रांजैक्शन के लिए अपने डेबिट कार्ड पर ई-मैंडेट सेटअप कर सकते हैं।