Inflation: महंगाई से राहत, मई में खुदरा महंगाई घटकर 1 साल के निचले स्तर पर

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नई दिल्ली। Retail Inflation: आर्थिक मोर्चे पर आम जनता को बड़ी राहत मिली है। मई में खुदरा महंगाई घटकर एक साल के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर आ गई। कुछ खाद्य वस्तुओं की कीमतों में मामूली गिरावट से रिटेल इंफ्लेशन में कमी आई है। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई अप्रैल 2024 में 4.83 प्रतिशत और मई 2023 में 4.31 प्रतिशत (पिछला निचला स्तर) थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, फूड बॉस्केट में महंगाई मई में 8.69 प्रतिशत थी, जो अप्रैल में 8.70 प्रतिशत से थोड़ी कम थी। फरवरी 2024 से खुदरा महंगाई में क्रमिक कमी देखी गई है, हालांकि यह फरवरी में 5.1 प्रतिशत से लेकर अप्रैल 2024 में 4.8 प्रतिशत तक सीमित दायरे में रही। सरकार ने रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा महंगाई दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे।

इस महीने की शुरुआत में, RBI ने 2024-25 के लिए CPI-आधारित महंगाई 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। केंद्रीय बैंक के मुताबिक, खुदरा महंगाई पहली तिमाही में 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रह सकती है। केंद्रीय बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है।

अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़ा
एक तरफ आम जनता को महंगाई से राहत मिली है। वहीं, IIP के आंकड़े बताते है कि अर्थव्यवस्था का पहिया भी तेजी से घूम रहा है। माइनिंग और बिजली सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन के बल पर इस साल अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन (IIP) पांच प्रतिशत बढ़ गया है। जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 4.6 प्रतिशत बढ़ा था।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन अप्रैल, 2024 में 3.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 5.5 प्रतिशत बढ़ा था। इस साल अप्रैल में माइनिंग सेक्टर का उत्पादन 6.7 प्रतिशत और बिजली उत्पादन 10.2 प्रतिशत बढ़ा। इन दोनों क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन ने कुल औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाने में मदद की।