जांच में नामी ब्रांड के मसालों में मानक से ज्यादा मिला कीटनाशक, क्या होगी कार्रवाई

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जयपुर। राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की जांच में बड़ी मात्रा में ऐसे मसाले पाए गए हैं जिनमें कीटनाशक की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले कई दिनों से प्रदेशभर में मसालों की गुणवत्ता जांचने के लिए अभियान चलाया गया था।

इस अभियान में जांच के दौरान पाया गया कि एमडीएच, एवरेस्ट, गजानंद, श्याम और शीबा ताजा जैसे बड़े ब्रांड के मसालों में कीटनाशक की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्दशे दिए हैं।

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ कि रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के दौरान इन मसालों में कीटनाशकों की मात्रा मानक से अधिक पाई है। एमडीएच ब्रांड के मसाले एसिटामिप्रिड, थियामेथोक्सम के साथ इमिडाक्लोप्रिड पाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि एमडीएच के सब्जी और चना मसालों में ट्राईसाइक्लोजोल और प्रोफेनोफोस की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, श्याम के गरम मसाले में एसिटामिप्रिड, शीबा ताजा ब्रांड के ताजा मसाले में थियामथोक्सम और एसिटामिप्रिड की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई।

जांच के दौरान गजानंद अचार मसाले में एथियन की मात्रा पाई गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एवरेस्ट के जीरा मसाले में एजोक्सीस्ट्रोबिन और थियामेथोक्सम पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इन सबी ब्रांड के मसालों में इन कीटनाशकों की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इसका लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

8 मई से राजस्थान में प्रदेशभर में मसालों के नमूनों को एकत्र करने का अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के दौरान अलग-अलग ब्रांड के 93 नमूने एकत्र किए गए थे। जिसमें कई बड़े ब्रांड के मसालों में मानक से ज्यादा कीटनाशक पदार्थ पाया गया है।

इस मामले की जानकारी देते हुए राज्य की अतिरिक्त मुख्य सचिव ( स्वास्थ्य) शुभ्रा सिंह का कहना है कि प्रयोगशाला में इन मसालों की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि इन ब्रांड के मसालों में कीटनाशक की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्दश दिया गया है कि ऐसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मसालों को जब्त किया जाए, जिनमें कीटनाशकों की मात्रा अधिक है।