नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद अब साफ हो गया है कि एनडीए की सरकार बनने जा रही है। वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया ने भी विपक्ष में बैठने की तैयारी कर ली है। अब सवाल है कि इस बार लोकसभा में विपक्ष का नेता कौन होने वाला है।
एक तरफ एनडीए सरकार बनाने की कवायद में लगी है। तो दूसरी तरफ शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी और कांग्रेस संसदीय दल की भी बैठक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल गांधी का नाम नेता प्रतिपक्ष के लिए आगे किया जा सकता है। अब वह इस पोस्ट को स्वीकार करेंगे या नहीं, इसपर संदेह बना हुआ है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इस बार 99 सीटों पर जीत हासिल हुई है जिसका क्रेडिट राहुल गांधी को दिया जा रहा है। नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी की दो भारत जोड़ो यात्रा का भी असर देखने को मिला है। उनकी इस यात्रा की वजह से कांग्रेस पार्टी को पूरे देश में फायदा मिला। 2019 के चुनाव में कांग्रेस केवल 52 सीट ही जीत पाई थी और बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखने लगी थी। हालांकि इस चुनाव परिणाम ने भारत के इस सपने पर पानी फेर दिया।
कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने कहा, कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। वहीं शाम के 5 बजे के बाद होने वाली कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी का नेता चुनाव जाएगा। हम सबको लगता है कि राहुल गांधी को यह जिम्मेदारी संभालनी चाहिए।
अगर वह स्वीकार करते हैं तो लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। हम सब जानते हैं कि इस बार बीजेपी को बहुमत नहीं मिला है इसलिए उनकी निर्भरता चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार पर ज्यादा है। उनके पास सरकार बनाने का केवल यही रास्ता है। इंडिया गठबंधन ने वेट ऐंड वॉच का फैसला लिया है और सही समय पर सही फैसला किया जाएगा।
एएनआई की मानें तो सोनिया गांधी को फिर से कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष चुना जा सकता है। वहीं वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने वाले राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद स्वीकार करेंगे या नहीं इसपर सस्पेंस बरकरार है। आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सभी चुने गए पार्टी के सांसदों को डिनर भी देंगे।
अखिलेश यादव ने भी लखनऊ में अपने सांसदों की बैठक बुलाई है। इसमें अखिलेश यादव को पार्टी संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। वहीं समाजवादी पार्टी भी मजबूत विपक्ष की रणनीति बनाएगी। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी यूपी में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं पूरे देश में भी पार्टी का तीसरा नंबर है। बीजेपी और कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 37 सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं।