नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की काउंटिंग से एक दिन पहले इलेक्शन कमीशन ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के आरोपों का जवाब देते हुए कहा- शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं है। कांग्रेस नेता ने शनिवार को कहा था- शाह ने 150 कलेक्टरों को धमकाया है।
CEC ने सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर कहा- हमें लापता जेंटलमेन कहा गया, लेकिन इसी दौरान देश में वोटिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है। पहली बार चुनाव के बाद होने वाली हिंसा रोकने के लिए संवेदनशील जगहों पर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात रखने का फैसला किया गया है। आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसी जगहों पर यह फोर्सेस पोस्ट पोल वॉयलेंस रोकेंगी।
ऐसा पहली बार हुआ है, जब EC लोकसभा चुनाव वोटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है। 1952 से लेकर अब तक के किसी भी लोकसभा चुनाव के दौरान आयोग ने वोटिंग के बाद और रिजल्ट के पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है। इससे पहले चुनाव आयोग ने 16 मार्च की प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा और 4 विधानसभाओं की चुनाव तारीखों का ऐलान किया था।
चुनाव आयुक्त ने कहा- हमें लगा था कि हम पर सबसे हमले देश के बाहर से होंगे, लेकिन देश के अंदर से ही हम पर आरोप लगाए गए। इस समय 17C की देश में सबसे ज्यादा चर्चा में है। यूपीएससी की तैयारी कर रहे बच्चों को इस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए कि ये क्या है। CEC ने कहा- 150 कलेक्टर से बात करने वाली बात फेक नैरेटिव है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अमित शाह पर कलेक्टर्स को धमकाने का आरोप लगाया था।
आरोप लगाने वालों को कविता से जवाब दिया
आजकल इल्जामातों का दौर बुलंद है तलखियों का बाजार गर्म है मंजूर है इल्जाम लगाओ मगर शर्त इतनी है सबूत साथ हों
चुनाव एक महीने में खत्म करना था
चुनाव हमें एक महीने पहले खत्म कर देना था। इतनी गर्मी में नहीं करना चाहिए था। ये हमारी पहली लर्निंग है। दूसरा फेक नैरेटिव से लड़ने का। हमने सोचा था कि देश की सीमाओं से बाहर हमले होंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
हम फेक नैरेटिव को समझने में फेल रहे
78.26 % पहले फेज का डेटा है। इसमें क्या नहीं था, पीसी और एसी का टोटल टॉप पर नहीं था। बाकी सब था। सेकंड फेज से वह भी दिखने लगा था। माहौल क्या बना, वोटर टर्नआउट गड़बड़ किया। ये फेक नैरेटिव है। जो चल रहा है। हम मानते हैं कि हम इसे समझने में फेल रहे, लेकिन अब समझ गए हैं।
वोटर टर्नआउट में कुछ गड़बड़ नहीं हुआ
2019 में एक वोटर टर्नआउट को लेकर केस आया। उसमें भी हमने जवाब दिया। वो भी इतने दिन चुप था। उसमें आरोप था कि हमने वोटर टर्नआउट का डाटा नहीं दिया। वोटर टर्नआउट में कुछ भी गड़बड़ नहीं हुआ। वोटर टर्नआउट का डाटा जैसे आपको मिला, वैसे ही हमें मिला। इसमें कुछ गड़बड़ नहीं हुआ।
वोटर लिस्ट को गलत बताया, लेकिन सब सही था
हमने 4 M की बात की थी, एक छिपा हुआ M था। ये एक पैटर्न था। सब बह गए उसमें। हम समझ नहीं पाए कि इससे कैसे लड़े। पहला था- वोटर लिस्ट गलत है। 15 दिन तक हलफनामा बनाया। बाद में पता चला कुछ नहीं था। लेकिन इसे चुनाव से तुरंत पहले रखा गया। चुनाव शुरू हुए तो EVM आ गया। ये क्या कर सकता था। वो बताते हैं।
फेक न्यूज रोकी, खुद पर होने वाले हमले नहीं रोक पाए
हमने फेक न्यूज रोकी, लेकिन खुद पर होने वाले हमले नहीं रोक पाए। हम चुनाव कराएं या यह सब देखें। 16 मार्च को मैंने कहा था- झूठ का एक बाजार है, यहां गुब्बारे फटते हैं। हमें यह नहीं पता था कि यह हम पर ही फटेगा।
642 मिलियन मतदाताओं का विश्व रिकॉर्ड बनाया
हमने 642 मिलियन मतदाताओं का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह सभी G7 देशों के मतदाताओं का 1.5 गुना और EU के 27 देशों के मतदाताओं का 2.5 गुना है।
जम्मू-कश्मीर में चुनाव जल्द होंगे
जम्मू-कश्मीर की स्टोरी आशा देने वाली है। ये लोग लोकतंत्र में भाग लेकर आगे आना चाहते हैं। बहुत जल्दी हम इनकी इच्छा पूरी करेंगे। जम्मू-कश्मीर में बहुत जल्द चुनाव होंगे। हम इसकी प्रक्रिया जल्दी शुरू करेंगे।
उपद्रवियों से सख्ती से निपटेंगे
जो काउंटर पर बैठे हैं, जो कंटेस्ट कर रहे हैं उनकी कोई शिकायत नहीं है। फिर पता नहीं कहां से शिकायत है। सब पारदर्शिता से काम होगा। अगर फिर भी कोई गलत मंशा से उपद्रव करना चाहता है, तो फिर उनसे सख्ती से निपटें।
हमारे निर्देश का मतलब- ये होना ही है
70 साल से यह प्रोसेस चला आ रहा है। हमने सबको निर्देश दिए हैं। आरओ- एआरओ को हमारे निर्देश का मतलब होता है- ये होना ही है। हर किसी के लिए हैंडबुक है, काउंटिंग एजेंट, आरओ और कैंडिडेट के लिए भी।
CEC बोले- हर राउंड का रिजल्ट डिस्प्ले होगा
कल मल्टीपार्टी मीटिंग में हमसे कुछ मांगें की गई थीं।