जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में जिलाधिकारियों, संभागीय आयुक्तों एवं प्रभारी जिला सचिवों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिला प्रभारी सचिव औपचारिक बैठकों तक सीमित न रहें, बल्कि फील्ड में औचक निरीक्षण कर वास्तविक समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने हीट वेव के दौर में आमजन को राहत देने के लिए बिजली और पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खराब ट्रांसफॉर्मर को तुरंत रिपेयर या रिप्लेस किया जाए और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर की आपूर्ति भी की जाए। इसके साथ ही स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जलापूर्ति परियोजनाओं की सघन मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए।
सीएम शर्मा ने प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी नहीं है, वहां लाइन और टंकी बनाने के मामले में लिप्त कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बिजली और पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए जन जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी के इस दौर में इन संसाधनों की बचत ही इनके उत्पादन के समान है।
मुख्यमंत्री भजनलाल ने जल संग्रहण एवं संचयन के ढांचों को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल स्त्रोतों के मार्ग में आने वाले अतिक्रमणों को हटाने के लिए अभियान चलाने के आदेश दिए। शर्मा ने चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही गौशालाओं में पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए समय पर अनुदान जारी करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन के सभी स्तरों पर आमजन की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए कार्यों का शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से परिवादियों के साथ संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने बताया कि ई-फाइलिंग सिस्टम से फाइलों के निस्तारण में तेजी आई है। जिला कलेक्टर्स के स्तर पर फाइलों के निस्तारण में जनवरी में जहां औसतन 36 घंटे लगते थे, वहीं मई में यह अवधि घटकर 2 घंटे 23 मिनट रह गई है।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बताया कि सरकार ने आवश्यक कार्यों को बाधित न होने देने के लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राजकीय अधिकारियों एवं कार्मिकों की स्थानांतरण नीति का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए और आवश्यक कदम उठाने पर बल दिया।