नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्य तेलंगाना की निजामाबाद मंडी में नए मालों की आवक आशानुरूप न बढ़ने एवं कमजोर उत्पादन के कारण हाजिर में स्टॉकिस्टों की लिवाली अच्छी देखी जा रही है।
जिस कारण से हाजिर बाजारों में हल्दी के भाव 200 से 300 रुपए प्रति क्विंटल मजबूती के साथ बोले गए। हालांकि महाराष्ट्र की मंडियों में आज व्यापार नहीं हुआ। मगर वायदा के तेज समाचार मिलने के कारण दिल्ली बाजार में हल्दी के भाव बढ़ाकर बोले गए।
वायदा बाजार में अप्रैल की हल्दी के भाव 352 रुपए एवं जून के भाव 454 रुपए तेजी के साथ बंद हुए है। सूत्रों का कहना है कि कमजोर बिजाई के अलावा इस वर्ष प्रति हेक्टेयर उत्पादकता भी प्रभावित होने की आशंका है।
जिस कारण इस वर्ष देश में हल्दी का उत्पादन 50/55 लाख बोरी तक ही होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं जबकि गत वर्ष उत्पादन 82/85 लाख बोरी का रहा था।
जीरे के भाव मंदे: प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की मंडियों में नए जीरे की दैनिक आवक बढ़ने एवं हाजिर में कमजोर मांग के कारण वायदा एवं हाजिर बाजारों में जीरे के भाव मंदे के साथ बोले गए। अभी भी धारणा बाजार में मंदे की बनी हुई है।
प्रमुख मंडी ऊंझा में आज जीरे की दैनिक आवक 40 हजार बोरी की हो गई है। जबकि राजकोट एवं गोंडल मंडी में आवक 9/10 हजार बोरी की हो गई है। हाजिर बाजारों में आज जीरे के भाव 400/500 रुपए प्रति क्विंटल मंदे के साथ बोले गए।
जबकि वायदा में मार्च का जीरा 1015 रुपए एवं अप्रैल का 980 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है। अधिक पैदावार के कारण अभी बाजार में तेजी की संभावना नहीं है। आगामी माह में राजस्थान की मंडियों में भी नए जीरे की आवक बढ़नी शुरू हो जाएगी।
अभी तक उत्पादक केन्द्रों पर फसल की स्थिति अच्छी है। जिस कारण से उत्पादन भी लगभग 1 करोड़ बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। अगर आगामी दिनों में मौसम खराब हो जाता है तो उत्पादन एवं क्वालिटी दोनों ही प्रभावित हो जायेंगे उस स्थिति में कीमतों में तेजी बनने की संभावना है।