नई दिल्ली। Solar Panel New Rules: केंद्र सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए नए कनेक्शन लेने और छतों पर लगने वाली सोलर पैनल के लिए नियम आसान बनाए हैं। इसके तहत नए बिजली कनेक्शन अब महानगरीय क्षेत्रों में तीन दिन, नगरपालिका क्षेत्रों में सात दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 15 दिन मिलेंगे। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने के लिए भी कनेक्शन देने को मंजूरी दी गई है।
बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि सरकार ने इससे संबंधित बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने कहा कि संशोधनों के बाद छत पर सौर बिजली इकाई लगाने की प्रक्रिया भी सरल हो गई है।
साथ ही इसमें बहुमंजिला फ्लैटों में रहने वाले उपभोक्ताओं को भी कनेक्शन का प्रकार चुनने का अधिकार दिया गया है। इसके अलावा आवासीय सोसाइटी में सामान्य क्षेत्रों और बैक-अप जनरेटर के लिए अलग-अलग बिलिंग सुनिश्चित की गई है जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
संशोधित नियम में उपभोक्ताओं की शिकायतों के मामले में बिजली की खपत के सत्यापन के लिए वितरण कंपनियों द्वारा लगाए गए मीटरों की जांच का भी प्रावधान किया गया है।
सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने की मंजूरी
इस संशोधन ने छत पर सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने को भी अधिक सरल और तीव्र बना दिया है। मंत्रालय ने कहा कि 10 किलोवाट की तक की सोलर सिस्टम के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन की जरूरत नहीं होगी। इससे अधिक क्षमता की सोलर सिस्टम के लिए व्यवहार्यता अध्ययन की समयसीमा 20 दिन से घटाकर 15 दिन कर दी गई है। यदि निर्धारित समय के भीतर अध्ययन पूरा नहीं होता है तो उसे अनुमोदित माना जाएगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कनेक्शन
नए नियमों के तहत उपभोक्ता अब अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को चार्ज करने के लिए अलग से बिजली कनेक्शन ले सकते हैं। यह देश के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचने के लक्ष्य के अनुरूप है। सहकारी हाउसिंग सोसाइटी, बहुमंजिला इमारतों, आवासीय कॉलोनी आदि में रहने वाले लोगों के पास अब वितरण लाइसेंसधारी से या तो सभी के लिए व्यक्तिगत कनेक्शन या पूरे परिसर के लिए सिंगल-प्वाइंट कनेक्शन चुनने का विकल्प होगा।
अतिरिक्त मीटर का इस्तेमाल
इसके साथ ही मीटर रीडिंग वास्तविक बिजली खपत के अनुरूप नहीं होने की शिकायत होने पर वितरण लाइसेंसधारी को अब शिकायत मिलने की तारीख से पांच दिनों के भीतर एक अतिरिक्त मीटर लगाना होगा। इस अतिरिक्त मीटर का इस्तेमाल रीडिंग के सत्यापन के लिए किया जाएगा।