मुंबई। Stock Market Closed: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को लगभग 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के एक दिन बाद मंगलवार को बड़ी गिरावट लेकर बंद हुए। फाइनेंशियल, FMCG, फार्मा और चुनिंदा आईटी शेयरों में मुनाफावसूली के कारण शेयर बाजार में एक दिन के अंतराल के बाद फिर गिरावट आई। इससे निवेशकों को एक दिन में 1.8 लाख करोड़ रुपये की चपत लग गई
घरेलू बाजार में आज बड़े पैमाने पर बिकवाली देखी गई क्योंकि ज्यादातर सेक्टरल इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। निवेशकों ने 31 जनवरी को यूएस फेड नीति के नतीजे से पहले मुनाफावसूली की। अंतरिम बजट से पहले बाजार की धारणा भी सतर्क है।
तीस शेयरों वाला BSE Sensex आज 59 अंक बढ़कर 72,000 पर खुला और कारोबार के दौरान 72,142.23 के स्तर तक गया। हालांकि, बाद में सेंसेक्स 1.11 प्रतिशत या 801.67 अंक की बड़ी गिरावट लेकर 71,139.90 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी-50 में भी गिरावट दर्ज की गई और यह 0.96 फीसदी या 208.80 फीसदी गिरकर 21,528.80 अंक के लेवल पर बंद हुआ।
टॉप गेनर्स एंड लूजर्स
तीस शेयरों वाली सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा मोटर्स 2 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी के साथ टॉप परफ़ॉर्मर रहा। इसके अलावा केवल स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर, पावर ग्रिड और टेक महिंद्रा के शेयर बढ़त में बंद हुए। दूसरी तरफ, बजाज फाइनेंस के शेयर में 5 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई। साथ ही टाइटन, अल्ट्रा सीमेंट, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफ़सी बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ICICI बैंक के शेयर गिरावट में रहे।
शेयर बाजार में गिरावट की वजह
बता दें कि बजट 2024 से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। साथ ही निवेशकों ने 31 जनवरी को यूएस फेड नीति के नतीजे से पहले मुनाफावसूली की। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, ITC और HDFC Bank जैसे हैवी वेटेज कंपनियों के शेयरों में गिरावट का भी देसी बाजार पर असर पड़ा। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पिछले सेशन के लगभग 377.2 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 375.4 लाख करोड़ रुपये हो गया। इससे निवेशकों को एक ही सेशन में लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
वैश्विक बाजार का क्या हाल
बाजार का विश्वास बढ़ाने के लिए नियामकों के उपायों के बावजूद मंगलवार को चीन के शेयरों में भी गिरावट आई। रियल्टी सेक्टर की दिग्गज कंपनी चाइना एवरग्रांडे के परिसमापन के बाद धारणा नाजुक बनी हुई है, जिससे बीजिंग के अस्थिर रियल एस्टेट बाजार को एक नया झटका लगा।