चालू वित्त वर्ष में भारत का निर्यात 775.7 अरब डॉलर रहा: अश्विनी वैष्णव

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50 अरब डॉलर के मोबाइल फोन की होगी मैन्युफैक्चरिंग

नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का कुल निर्यात 775.7 अरब डॉलर था, जिसमें व्यापारिक निर्यात (merchandise exports) 450.4 अरब डॉलर था, जबकि सर्विसेज का निर्यात 325.4 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 24 में 50 अरब डॉलर की मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग होगी और इस कैटेगरी से करीब 15 अरब डॉलर का निर्यात भी किया जाएगा।

मीडिया से बातचीत करते समय केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोबाइल फोन अब भारत से चौथी सबसे बड़ी निर्यात कैटेगरी बन गई है। इसका मतलब यह है कि भारत से निर्यात की जाने वाली कैटेगरीज में मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट चौथे नंबर पर आता है।

उन्होंने कहा, ‘आने वाले 2 सालों में मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स टॉप एक्सपोर्ट की लिस्ट में दूसरे या तीसरे रैंक पर पहुंच जाएगा।’ बता दें कि वर्तमान में प्रोसेस्ड पेट्रोलियम, हीरा, आयरन, स्टील और फार्मास्युटिकल्स ऐसे सेक्टर हैं जो मोबाइल फोन के अलावा टॉप 5 की लिस्ट में अपनी जगह बनाए हुए हैं।

वाणिज्य विभाग के आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर 2022 से भारत 1 अरब डॉलर से ज्यादा के स्मार्टफोन निर्यात कर रहा है। चालू वित्त वर्ष (2023-24) के पहले 6 महीनों में, स्मार्टफोन निर्यात 6.53 अरब डॉलर रहा, जबकि पूरे वित्त वर्ष 23 में यह 10.95 अरब डॉलर का रहा। बता दें कि यह दो महीने पहले यानी अक्टूबर तक का डेटा है।

स्मार्टफोन निर्यात का एक बड़ा हिस्सा ऐपल इंडिया (Apple India) के प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है, जो सभी स्मार्टफोन निर्यात का 62 प्रतिशत हिस्सा है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने पिछले महीने रिपोर्ट दी थी कि इंडस्ट्री और सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 के अप्रैल-अक्टूबर में ऐपल ने भारत में अपने तीन वेंडर्स के माध्यम से 5 अरब डॉलर के आईफोन का निर्यात किया था।

मेक इन इंडिया से मिल रही सफलता
वैष्णव ने कहा कि स्मार्टफोन निर्यात की तेज बढ़ोतरी से पता चलता है कि भारत की एक्सपोर्ट कैटेगरी किस तरह से फैल रही है। सरकार की मेक इन इंडिया पहल की सफलता पर फोकस करते हुए वैष्णव ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सफल हो गया है। उन्होंने कहा, ‘देश की अर्थव्यवस्था एक बड़े मोड़ पर है। भारत उस पॉइंट पर पहुंच गया है, जहां हम जल्द ही 1 ट्रिलियन डॉलर यानी 1 लाख करोड़ का निर्यात करने के लिए तैयार हो रहे हैं।’