कोटा। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में कोटा उत्तर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और अशोक गहलोत सरकार में मंत्री शांति धारीवाल यहां से एक बार फिर चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वे लेटेस्ट रुझानों में बीजेपी की प्रहलाद गुंजल से 415 वोट से आगे निकल गए है।
कोटा उत्तर सीट पर धारीवाल का मुकाबला भाजपा के प्रह्लाद गुंजल से है। राजस्थान की राजनीति में 80 वर्षीय शांति धारीवाल एक कद्दावर कांग्रेसी नेता के रूप में पहचाने जाते हैं। धारीवाल का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल से है जो पहले भी लगातार दो विधानसभा चुनाव यहां से लड़ चुके हैं, जिसमें वर्ष 2013 में गुंजल ने धारीवाल को चुनाव में हरा दिया था।
2018 में धारीवाल एक बार फिर पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरे और गुंजल को शिकस्त दी। इस बार भी इन दोनों परंपरागत प्रतद्विंदी के बीच रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद है। धारीवाल को अशोक गहलोत का वफादार माना जाता है।
इस बार कोटा उत्तर विधानसभा सीट से कांग्रेस की दृष्टि से धारीवाल को प्रत्याशी बनाए जाने को काफी अहम माना गया क्योंकि पिछले साल 25 सितंबर 2022 को धारीवाल के जयपुर स्थित आवास पर कांग्रेस विधायक दल की समानांतर बैठक बुलाए जाने के बाद धारीवाल सहित राज्य के जलदाय मंत्री महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को पार्टी आलाकमान ने नोटिस दे दिया था।
इसके चलते इस चुनाव में इन तीनों को टिकट कटने की संभावना जताई जा रही थी। इस बार जोशी और राठौड़ तो टिकट पाने में सफल नहीं रहे, लेकिन धारीवाल को कोटा उत्तर विधानसभा सीट से एक बार फिर टिकट से नवाजा गया। धारीवाल इस सीट से विधायक हैं और पिछली तीन बार में जब-जब अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने तब वह उनके कैबिनेट में मंत्री बनाए गए हैं।
कोटा में उनकी पहचान एक जमीन से जुड़े नेता की है। जैन समुदाय से आने वाले 80 वर्षीय शांति धारीवाल का कोटा और आसपास के इलाके में खासा प्रभाव है। लंबे राजनीतिक करियर में धारीवाल अपने बयानों और तेवरों के चलते कई बार विवादों में भी रहे।