नासिक। हाल ही में महाराष्ट्र में हुई बेमौसमी बारिश से अंगूर की फसल को नुकसान की आशंका व्यक्त की जा रही है। उल्लेखनीय है कि किशमिश का अधिकांश उत्पादन महाराष्ट्र के पुंडरपुर, विजापुर, सांगली, तासगांव लाइन पर होता है।
वर्तमान में वहां पर बारिश हो रही है। हालांकि नुकसान का सही आंकलन 15 दिसम्बर तक क्लीयर होगा। लेकिन यह सच है कि नुकसान तो अवश्य ही हुआ है। व्यापारियों का कहना है कि इससे पूर्व सितम्बर माह में बारिश की कमी रही थी। तासगांव में आज किशमिश की नीलामी हुई नीलामी में 20 गाड़ी की आवक हुई और नीलामी में भाव 160/190 रुपए प्रति किलो का बोला गया।
विगत 2 वर्षों से देश में किशमिश का उत्पादन बढ़ रहा है। उत्पादकों का कहना है कि अंगूर का निर्यात कम होने के कारण किशमिश का उत्पादन बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में महाराष्ट्र में किशमिश का उत्पादन 14/15 हजार गाड़ी प्रत्येक गाड़ी (प्रत्येक गाड़ी 10 टन) का हुआ था जोकि 2022 में बढ़कर 18/20 हजार गाड़ी हो गया। वर्ष 2023 में उत्पादन 23/25 हजार गाड़ी से अधिक होने के समाचार हैं।
प्रतिकूल मौसम के चलते 2024 में उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम रहने की संभावना है। किशमिश की नई फसल जनवरी-फरवरी माह में शुरू हो जाती है और आवक का दबाव मार्च माह में बनता है।
ट्रेडर्स का कहना है किशमिश की वर्तमान कीमतों में हाल-फिलहाल मंदे की संभावना नहीं है। अगर आगामी एक सप्ताह तक मौसम खराब रहता है तो कीमतों में 10/20 रुपए प्रति किलो की तेजी बन सकती है।
वर्तमान में अंगूर की फसल को धूप की आवश्यकता है। मगर बारिश एवं बादल होने के कारण पौधों को धूप नहीं मिल रही है। वर्तमान में दिल्ली बाजार में देसी किशमिश के भाव क्वालिटीनुसार 160/260 रुपए प्रति किलो बोला जा रहा है।