ज्ञान गंगा महोत्सव : कोटा से 70 किमी दूर कोटा-चित्तौड़गढ़ फोरलेन मार्ग पर कल्याणपुरा में उमड़ेगा गौभक्तों का सैलाब। कथा स्थल पर 70 हजार श्रोताओं के लिए बना विशाल पांडाल
कोटा। दिव्य गौसेवक संत पूज्य पं.कमल किशोर नागरजी 20 नवंबर से कोटा से 70 किमी दूर कल्याणपुरा गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव में ओजस्वी प्रचवन देंगे।
आयोजक मांगीलाल धाकड़ ने बताया कि कोटा-चित्तौड़गढ़ फोरलेन राजमार्ग-27 पर बिजौलिया व सलावटिया के बीच कल्याणपुरा की चारागाह भूमि पर 2 लाख वर्ग फीट के भव्य पांडाल, पार्किंग स्थल, पेयजल, भोजनशाला एवं अन्य व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया गया।
रोजाना 12 से 3 बजे तक नागरजी के ओजस्वी प्रवचन सुनने के लिए आसपास के जिलों के अतिरिक्त मध्यप्रदेश व गुजरात से हजारों गौसेवक ट्रेन, बस व निजी वाहनों से पहुंचेंगे। पांडाल में महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है।
उन्होंने अपील की कि जनसैलाब को देखते हुए आधा घंटा पूर्व आकर पांडाल में स्थान ग्रहण कर लें। आयोजन समिति के प्रमुख सलावटिया के पन्नालाल एवं छीतरलाल लुहार ने बताया कि मांडलगढ़ तहसील के छोटे से कल्याणपुरा गांव में पं.नागरजी की पहली कथा होने से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह का माहौल है।
कथा की व्यवस्थाओं में बिजौलिया, छोटी बिजौलिया, तड़ोदा, लक्ष्मी निवास, ढावदा, बेरीसाल, सुखपुरा, खड़ीपुर सहित उपरमाल क्षेत्र से बड़ी संख्या में गौसेवक अंतिम तैयारियां करने में जुटे हैं।
समिति के विनोद धाकड ने बताया कि सोमवार को सुबह 8 बजे मंदिर से कथा स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें हजारों ग्रामीण महिलाए शामिल होंगी। समिति के सदस्य गणेश राठौर एवं मुकेश धाकड़ ने बताया कि मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन से 30 किमी दूर कथा स्थल तक पहुंचने के लिए बसों की सुविधा रहेगी।
कथा में कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, मालवा क्षेत्र, नीमच, रतनगढ़ निम्बाहेडा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में गौभक्त रोजाना प्रवचन सुनने पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि कथा स्थल से 10 किमी की परिधि में तिलिस्वां महादेव, जोगनिया माता मंदिर, बीजासन माता मंदिर एवं श्री सांवलिया सेठ मंदिर नजदीक होने से यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमडे़गी।
गौ, गांव एवं गरीब को प्राथमिकता
सरस्वती के वरदपुत्र एवं मालवा के दिव्य गौसेवक संत पं.नागरजी पिछले कुछ वर्षों से हाड़ौती में कोटा, मोड़क, बारां, छीपाबड़ौद, रामगंजमंडी, गोपालपुरा, रायपुर, डूंगरगांव आदि स्थानों पर उन्होंने विराट श्रीमद् भागवत कथाओं में प्रवचन देते हुए शहरी वर्ग में गौसेवा एवं भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूकता पैदा की।
प्रारंभ से ही वे कथाओं में गौ, गांव और गरीब को प्राथमिकता देते हैं। कथा स्थल पर एक कुटिया में वे 7 दिन आवास करेंगे। कथा से एकत्र गौग्रास राशि आसपास की गौशालाओं में दी जाएगी। उनकी प्रेरणा से मप्र व राजस्थान में लगभग 199 गौशालाओं में हजारों निःशक्त गायों की सेवा हो रही है।