भाजपा की सर्वाधिक लोकप्रिय नेता श्रीमती वसुंधरा वसुंधरा राजे सिंधिया की अनुपस्थित में कई जगह भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूदगी के बावजूद परिवर्तन यात्रा में शामिल होने के लिए आए कार्यकर्ताओं ने इन नेताओं की जगह श्रीमती वसुंधरा राजे के जिंदाबाद के नारे लगाकर “नेता के रूप में अपनी स्वीकार्यता के संकल्प” को जाहिर कर दिया।
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। Absence of former Rajasthan CM: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार की परिवर्तन के लिए समूचे राजस्थान में जोरशोर से निकाली जा रही भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन संकल्प यात्रा जब झालावाड़ पहुंची तो उसमें वहां की सर्वमान्य नेता प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश में भाजपा की सर्वाधिक लोकप्रिय नेता श्रीमती वसुंधरा वसुंधरा राजे सिंधिया ही नदारद थी।
हालांकि इस यात्रा में शामिल होने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, झालावाड़ संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद दुष्यंत सिंह, परिवर्तन संकल्प यात्रा के प्रभारी चुन्नीलाल गरासिया, पूर्व शिक्षा मंत्री और अजमेर दक्षिण से भाजपा के विधायक वासुदेव देवनानी मौजूद थे लेकिन जिले में आज जहां से भी यह परिवर्तन यात्रा निकली, निगाहें पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे को ही तलाश रही थी जिनके बारे में पहले तो यह कहा गया कि वे आएंगी लेकिन दोपहर तक जब श्रीमती राजे झालावाड़ नहीं पहुंची तो उम्मीदें टूट गई।
पहले ही फ़ीके स्वागत से का सामना कर रही परिवर्तन संकल्प यात्रा में झालावाड़ जिले में कई कार्यकर्ता इस उम्मीद में जुटे थे कि श्रीमती वसुंधरा राजे उसमें भाग लेंगी लेकिन श्रीमती राजे को नहीं देखकर लोग निराश होकर होकर लौट गए। हालांकि कई जगह भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूदगी के बावजूद परिवर्तन यात्रा में शामिल होने के लिए आए कार्यकर्ताओं ने इन नेताओं की जगह श्रीमती वसुंधरा राजे के जिंदाबाद के नारे लगाकर “नेता के रूप में अपनी स्वीकार्यता के संकल्प” को जाहिर कर दिया ।
परिवर्तन यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में श्रीमती वसुंधरा राजे के पिछले दो कार्यकाल के दौरान की उपलब्धियों का जमकर तो बखान किया गया लेकिन कोई भी नेता ठोस वजह बताने के लिए तैयार नहीं था जिसके चलते श्रीमती राजे अपने ही गृह जिले झालावाड़ में बुधवार से निकाली जा रही इस परिवर्तन संकल्प यात्रा में शामिल नहीं हो रही है।
जबकि इस जिले का लोकसभा और विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते हुए श्रीमती वसुंधरा राजे अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री और झालरापाटन विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की विधायक चुने जाने के बाद दो बार प्रदेश की मुखिया रह चुकी है। इसके बावजूद उनकी अपने ही कर्मस्थली जिले में निकाली जा रही इस परिवर्तन यात्रा में अनुपस्थिति को लेकर सवालिया निशान खड़े हो गए।
श्रीमती वसुंधरा राजे की झालावाड़ जिले में निकाली जा रही परिवर्तन संगठन की यात्रा में अनुपस्थिति पर सवाल स्वाभाविक रूप से उठना ही था और उठा भी। जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विशेष विमान से कोटा हवाई अड्डे पर उतरे तो हवाई अड्डे पर उपस्थित पत्रकारों ने उनसे सीधा सवाल किया कि झालावाड़ जिले में निकल रही परिवर्तन संकल्प यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ही नहीं है।
जैसा कि स्वाभाविक था, उसी के अनुरूप इस सवाल का सीधा-सीधा जवाब देने के बजाय श्री धामी वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति पर कोई चर्चा किए बिना यह दावा करते हुए नजर आए कि भारतीय जनता पार्टी देश की ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। फ़िर केंद्र सरकार की कई सफलताओं को गिनाते हुए श्रीमती राजे की कर्मस्थली झालावाड़ की ओर रुखसत कर गए।