नई दिल्ली। देश के कई उत्पादक राज्यों में सितम्बर की शुरुआती बारिश अच्छी हुई है। जिससे देश के विभिन्न उत्पादक राज्यों में खरीफ फसलों को भारी फायदा मिलने की उम्मीद है। हालांकि भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि 21 सितम्बर तक देश के कई हिस्सों में और बारिश होने की संभावना है। जिससे स्वभाविक है कि धान, सोयबीन व अन्य खरीफ फसलों की पैदावार अच्छी होने की संभावना है।
दरअसल सितम्बर की शुरुआती बारिश खरीफ फसलों के लिए काफी राहत लेकर आई है जिससे देश के कई उत्पादक राज्यों में खरीफ फसलों की बोआई पहले से बेहतर हुई है। ऐसे में यह उम्मीद है कि इस नवीनतम बारिश से धान और सोयबीन व खरीफ फसलों की पैदावार बेहतर होने का अनुमान है।
वहीं देश के उत्तरी राज्यों में विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में धान की खेती सिंचाई पर निर्भर है। यद्यपि पूर्वी राज्यों में जहां भारी तादाद में धान का उत्पादन होता है और वहां सितम्बर में अच्छी बारिश देखी गई है। ऐसे में सितम्बर की बारिश से धान की पैदावार पिछले साल की तुलना में लगभग समान ही रहेगी।
उल्लेखनीय है कि बिहार, छतीसगढ़ झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में धान की बोआई उच्चतम रही है। वहीं सोयाबीन की फसलों को सितम्बर की बारिश से काफी मदद मिलेगी। इस बीच भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि 21 सितम्बर तक देश के कई हिस्सों में और बारिश होने की संभावना है।
जिससे सोयाबीन की फसल को व्यापक फायदा पहुंचेगा। स्वभाविक है कि सोयाबीन तेल के दामों में कमी आ सकती है। बहरहाल अगस्त में बारिश की कमी के चलते खेतों में नमी को लेकर किसानों के समक्ष तनाव उत्पन्न हो गया था। जिससे अनाज के उत्पादन में कमी की आशंका बढ़ गई है।
वहीं सरकारी आंकड़ों के तहत धान की बोआई क्षेत्र 8 सितम्बर 2023 तक सालाना आधार पर 2.7 प्रतिशत 40.3 मिलियन व टन हो गया है। वहीं सोयाबीन का रकवा 1.3 प्रतिशत बढकर 12.54 मिलियन टन हो चुका है। ऐसे में अब सितम्बर में बारिश होने से हालात बदल गए हैं और धान और सोयाबीन की फसल बेहतर हो गई है।