प्रस्तावित 440 हेक्टेयर में से हवाईअड्डा प्राधिकरण को 33.4 हेक्टेयर भूमि आवंटित
कोटा। New Airport Kota: नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को कोटा हवाई अड्डे के विकास की धीमी प्रक्रिया के लिए गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की अस्थिर प्रतिक्रिया और जमीन सौंपने की धीमी गति के कारण कोटा में हवाई अड्डे के विकास में देरी हुई है।
बता दें कि सिंधिया का ये बयान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान के बाद आया है। गहलोत ने कुछ दिन पहले ही कोटा में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण में देरी के लिए केंद्र को दोषी ठहराए जाने की बात कही थी।
सिंधिया ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि राज्य सरकार द्वारा जमीन सौंपने में देरी करना, अस्थिर सुस्त प्रतिक्रिया और धीमी गति के कारण कोटा हवाई अड्डे के विकास की प्रक्रिया में देरी हुई है।
उन्होंने कहा कि लगता है कि मुख्यमंत्री गहलोत को कोटा हवाईअड्डे या नागरिक उड्डयन के विकास में कम दिलचस्पी है। सिंधिया ने कहा कि आज तक राजस्थान सरकार ने भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के लिए केवल 33.4 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है, जबकि प्रस्तावित भूमि की जरूरत 440 हेक्टेयर है।
सिंधिया के अनुसार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) और एएआई द्वारा कई अनुस्मारक के बावजूद राज्य द्वारा शेष भूमि के डायवर्जन की प्रक्रिया अभी तक नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इसे अभी भी अपने विभागों के भीतर डायवर्जन से संबंधित राशि जमा करना बाकी है।