इनकम टैक्स रिटर्न की प्लानिंग जरूरी 

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अप्रैल का महीना है और इसी के साथ नए फाइनैंशल इयर की शुरुआत हो गई। यही सही समय है जब आपको इनकम टैक्स को लेकर हुए बदलावों के हिसाब से अपनी फाइनैंशल प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। तो चलिए, इस काम में हम आपकी मदद करते हैं…

बनाएं चेकलिस्ट
अपने बैंक स्टेटमेंट्स निकालकर उन्हें अच्छी तरह से देख लें। आपकी कंपनी ने जो टैक्स काटा है वह आपको फॉर्म 16 में दिखेगा। फॉर्म 26AS चेक करें। इसके जरिए आपको पता चल जाएगा कि अडवांस टैक्स और टीडीएस सही तरह से फाइल हुए हैं या नहीं। यह फॉर्म नेट बैंकिंग के जरिए भी देखा जा सकता है। आप या घर पर कोई ऐसा सीनियर सिटिजन हो जो टैक्स देनदारी के दायरे में नहीं आता हो उसे इन्वेस्टमेंट पर टीडीएस से बचने के लिए 15G और 15H फॉर्म भरना चाहिए। यह जरूर देख लें कि आप इस फॉर्म को भरने की शर्तों को पूरा करते हैं या नहीं। गलत फॉर्म भरने पर पेनल्टी भी देनी पड़ सकती है।

कैश की लिमिट को समझें
लोग इनकम टैक्स के नियमों में लॉजिक लगाने लगते हैं। यह सही नहीं है। इनकम टैक्स के नियम लॉजिक पर नहीं बल्कि सरकार के बनाए कानूनों पर चलते हैं। मिसाल के तौर पर अब अगर घर का कोई सामान जैसे फर्नीचर या कुछ और को 2 लाख या उससे ऊपर में नकद में बेचा है तो उस रकम पर भी टैक्स वसूला जाएगा। ऐसा सरकार ने फुटकर में सामान की बिक्री कैश में करने पर लगाम लगाने के लिए किया है। ऐसे में यह इस साल कैश को लेकर प्लानिंग अच्छी तरह से करें। जितना ज्यादा-से-ज्यादा हो लेनदेन ऑनलाइन या चेक के जरिए ही करें। ऐसा न करने पर बेवजह की टैक्स देनदारी में फंस सकते हैं।

ITR को लेकर रहें सचेत
इस बार मई को ही जुलाई समझें। 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न भरने का इंतजार कई तरह की परेशानियां ला सकता है। इस फाइनैंशल इयर में रिटर्न भरने का सारा काम मार्च 2018 तक ही निपटाना पड़ेगा। पहले के नियम के अनुसार मार्च 2019 तक आप ऐसा कर सकते थे, लेकिन अब इसे 31 मार्च 2018 तक ही निबटाना पड़ेगा। अब 31 दिसंबर 2018 तक देरी करने पर 5 हजार रुपये और इसके बाद फाइल करने पर 10 हजार रुपये पेनल्टी देनी होगी। पहले यह पेनल्टी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की मर्जी पर होती थी, लेकिन इस साल से यह अनिवार्य हो गई है। मतलब यह कि देर होने पर पहले पेनल्टी भरनी होगी उसके बाद ही आप रिटर्न फाइल कर पाएंगे। इसलिए रिटर्न फाइलिंग को लेकर जितने एक्टिव रहेंगे, पेनल्टी से बचे रहेंगे।

इन्वेस्टमेंट में बनें स्मार्ट: ELSS फंड में पैसा लगाएं
अप्रैल से ही SIP में इन्वेस्ट करने की प्लानिंग शुरू करें। न सिर्फ जेब पर बोझ कम पड़ेगा बल्कि बेहतर रिटर्न भी मिलेंगे।अगर किसी ने हर महीने 5,000 रुपये ईएलएसएस फंड में 2014 से लगाए हैं तो अप्रैल 2017 तक 1.8 लाख रुपये की जमा रकम इंट्रेस्ट के साथ 2.15 लाख रुपये हो चुकी है। अप्रेजल के बाद जिस हिसाब से इनकम में बढ़ोतरी हो उस हिसाब से एसआईपी में इन्वेस्टमेंट बढ़ा सकते हैं। टारगेट 10 से 15 फीसदी बढ़त का रखा जा सकता है।