Chandrayaan 3: चांद की सतह पर अंकित होगा अशोक स्तंभ का निशान

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नई दिल्ली। Chandrayaan 3: इसरो के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि रोवर को लैंडर के चारों ओर 500 मीटर इलाके में घूमता है। इसमें दो पहिये हैं, एक पर हमने इसरो का लोगो उभारा है और दूसरे पहिये पर हमने अशोक स्तम्भ उकेरा है, ताकि जब रोवर चांद की सतह पर चलेगा, तो वो अपनी छाप या पदचिह्न छोड़ेगा।

इसरो का लोगो और साथ ही चंद्रमा की सतह पर अशोक स्तंभ। रोवर इमेजर या कैमरा सिस्टम, जिसे हमने रोवर के पीछे लगाया है, जब भी रोवर आगे या पीछे जाएगा, हमेशा इलाके की तस्वीरें लेगा। तो इस तरह हमारा लोगो और अशोक स्तंभ चंद्रमा की सतह पर अंकित हो जाएगा। पिछली बार हमने चंद्रमा की सतह पर भारत का झंडा फहराया था। इस बार हमारे पास चंद्रमा की सतह पर इसरो का विशेष लोगो और अशोक स्तंभ उभरा हुआ होगा।

विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक डॉ. टी. वी. वेंकटेश्वरन ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के उतरने की प्रक्रिया को समझाया है। उन्होंने कहा, “वास्तव में चंद्रयान-थ्री का लैंडर (विक्रम), चंद्रमा के दरवाजे पर है। कुछ घंटों के बाद ये सुरक्षित लैंडिंग करेगा। लैंडर पर दो महत्वपूर्ण कैमरे मौजूद हैं, पहला लैंडर पोजीशन डिटेक्शन कैमरा और दूसरा खतरे का पता लगाने और बचाव करने वाला कैमरा, इनका परीक्षण किया जा चुका है।

लैंडर पर लगा कैमरा वास्तव में नीचे चंद्रमा की सतह का एक स्नैपशॉट लेगा। ये इसे एक तरफ रखेगा और उसकी तुलना चंद्रयान-टू की तस्वीरों से करेगा, जो पहले से ही उसकी मेमोरी में फीड है। इसके बाद ये बताएगा कि यान की वर्तमान स्थिति क्या है? खतरा टालने वाला कैमरा वास्तव में लैंडर के ठीक नीचे चंद्रमा की सतह पर खतरों का पता लगाएगा। ये एक ऐसे स्थान की तलाश करेगा, जो काफी हद तक समतल हो और यान को उस स्थान पर उतरने के लिए मार्गदर्शन करेगा।”