स्पीकर बिरला के प्रयासों से पासपोर्ट सेवा केंद्र का निर्माण कार्य प्रारंभ
कोटा। Passport Office Kota: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा में पूर्ण पासपोर्ट केंद्र का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। रोड नम्बर दो पर बन रहे पासपोर्ट कार्यालय के ऑपरेशनल होने के बाद कोटा में ही तत्काल पासपोर्ट बनने लगेंगे। साधारण पासपोर्ट भी लोगों को जल्द मिलने लगेंगे।
स्पीकर बिरला ने वर्ष 2014 में पहली बार सांसद निर्वाचित होते ही कोटा में पासपोर्ट सुविधा के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिए थे। उनके प्रयासों से मार्च 2017 में कोटा में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट केंद्र की स्थापना हुई जिसके बाद स्थानीय स्तर पर साधारण पासपोर्ट के लिए आवेदन लिया जाना प्रारंभ हो गया। परन्तु तत्काल पासपोर्ट बनवाने की सुविधा नहीं मिल रही थी।
कोटा में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र नयापुरा स्थित प्रधान डाकघर में संचालित हैं। भवन पुराना तथा छोटा होने तथा सुविधाएं कम होने के कारण यहां पासपोर्ट के लिए आवेदन करने आए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला कोटा में ही पूर्ण पासपोर्ट सेवा केंद्र की स्थापना के लिए प्रयासरत थे। इस संबंध में उनकी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी चर्चा हुई थी।
अब कोटा में रोड नम्बर दो पर बीएसएनएल के भवन के भूतल पर 8250 वर्गफीट क्षेत्र में पूर्ण पासपोर्ट कार्यालय का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। यहां दो बड़े हॉल बनाए जा रहे हैं, जिनमें पासपोर्ट सेवा प्रदाता कम्पनी टाटा कंसल्टेंसी लि. और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के कर्मचारी और अधिकारी बैठेंगे।
पहले आवेदक के प्रमाणिकरण का कार्य जयपुर में होने के कारण पासपोर्ट जारी होने में एक माह तक का समय लग जाता था। लेकिन अब अधिकारियों के स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होने के कारण तत्काल पासपोर्ट भी यहीं बनेंगे। साथ ही साधारण पासपोर्ट जारी किए जाने में लगने वाले समय में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।
कोटा-बूंदी सहित कई जिलों को फायदा
स्पीकर बिरला के प्रयासों का लाभ कोटा-बूंदी ही नहीं आसपास के लगभग कई जिलों के नागरिकों को मिलेगा। कोटा में अभी तक तत्काल पासपोर्ट बनवाने की सुविधा नहीं होने से लोगों को जयपुर जाना पड़ता था। लेकिन कोटा में पूर्ण पासपोर्ट सेवा केंद्र बनने के बाद तत्काल पासपोर्ट बनवाने के लिए कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, डूंगरपुर आदि जिलों के लोग भी जयपुर की दूरी तथा वहां पहुंचने की लागत अधिक होने के कारण कोटा को प्राथमिकता देंगे।