निरंकारी संत राकेश मुटरेजा ने मोशन में बताए सफलता के राज

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कोटा। Secrets Of Success: किसी से होड़ ना करें। अपनी प्रतिस्पर्धा केवल खुद से रखें। हमें हर दिन खुद से बेहतर बनना है। यदि हम यह कर पाते हैं तो हमको हमारी हर मंजिल मिल जाएगी। यह कहा रविवार शाम मोशन एजुकेशन के दक्ष-2 परिसर में निरंकारी संत राकेश मुटरेजा ने।

कार्यक्रम के दौरान मोशन के डिप्टी डायरेक्टर जितेंद्र चांदवानी ने संत का स्वागत किया। ज्वाइंट डायरेक्टर और नीट डिवीजन के हेड अमित वर्मा, जोनल इंचार्ज ब्रजराज, कर्नल सतीश भोसले, भगवनदास और राजकुमार भी मौजूद थे। मनोवैज्ञानिक और काउंसलर शालू ने बच्चों की शंका-आशंका और उम्मीदों से जुड़े सवालों के जवाब दिए।

निरंकारी संत राकेश मुटरेजा ने कहा कि सफलता चाहते हो तो पढ़ाई पर फोकस करो। थकना नहीं हैं। थको तो छोटा सा ब्रेक ले लो, फिर चल पड़ो। सवाल पूछने में हिचक मत रखो। कर्म करो पर फल के प्रति आसक्ति का भाव मत रखो। तनाव आपकी ताकत को सोख लेता है लेकिन हर तनाव बुरा नहीं होता है। पॉजिटिव टेंशन जरूरी है। याद रखो हीट और प्रेशर के बिना हीरा नहीं बनता हैं।

नकारात्मकता से दूर रहो। जब कुछ समझ नहीं आ रहा तो बेसिक से शुरू करो। अपनी भावना व्यक्त करो। अपनों से बात करो। खुद पर भरोसा करो। सबके प्रति कृतज्ञता जाहिर करो और ईश्वर पर भरोसा करो। खुद से तुलना करो, दूसरों से नहीं। हमे अच्छा करना है, भरोसा रखो अच्छा ही वापस आएगा। उन्होंने ने नेगेटिविटी, नेट ओर मोबाइल से दूर रहने की सलाह दी।

उनके साथ आईं मनोवैज्ञानिक और काउंसलर शालू ने बच्चों के सवालों के जवाब देते हुए बताया कि डर हम सबको लगता हैं लकिन इसका अस्तित्व केवल आपके माइंड में ही होता है। कई बच्चे एग्जाम में तनाव के मारे ब्लेंक हो जाते हैं। आप अकेले नहीं जिनको ऐसे विचार आते हैं। इस पैनिक को हैंडल करना सीखना है। कोई नकारात्मक विचार आए तो किसी ख़ास अपने या टीचर से बात कर लें।

एक बालिका ने पूछा कि उसके पिता नहीं है। मां को उससे बड़ी उम्मीदें हैं, वह भी उनको पूरी कोशिश कर रही है लेकिन उसको इस बात को लेकर दबाव महसूस हो रहा है कि कहीं वह विफल होकर उनका भरोसा न तोड़ बैठे। शालू ने कहा-आप अपनी ओर से पूरी कोशिश करो। इस बारे में अपनी अपनी मम्मी से बात करो। याद रखो मम्मी पापा के लिए आपकी खुशी ही सबसे जरूरी होती है।

निरंकारी संत राकेश मुटरेजा ने बताया कि हमारी शिक्षा, हमारा ज्ञान, केवल नौकरी और कैरियर तक सीमित रह गए हैं। इसलिए आज की शिक्षा एक अच्छा डॉक्टर, इंजीनियर, तकनीशियन और अच्छा उद्यमी तो बना रही है पर वह एक अच्छा इंसान नहीं बना पा रही है। इसलिए युवाओं को आध्यात्मिक शिक्षा देना जरूरी है।

आध्यात्मिक शिक्षा के बिना कोई भी शिक्षा पूरी नहीं हो सकती। मोशन के डिप्टी डायरेक्टर जितेंद्र चंदवानी ने कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि सब्जेक्ट की तैयारी अपनी जगह है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है-खुद पर भरोसा, सकारात्मकता और लगातार कोशिश। वर्तमान में जिएं। आज बेहतर हुआ तो कल तो बेहतर हो ही जाएगा।