नई दिल्ली। Branch Change Option: भारतीय प्राैद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), एनआईटी (NIT), आईआईआईटी (IIIT) समेत देश के कई शीर्ष तकनीकी संस्थानों ने छात्रों में बढ़ते तनाव को देखते हुए स्नातक कार्यक्रमों के पहले वर्ष के छात्रों को ब्रांच बदलने का विकल्प समाप्त कर दिया है। आईआईटी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद यह फैसला किया गया।
बीटेक में एक साल की पढ़ाई के बाद फिर से मनपसंद ब्रांच चुनने का विकल्प होता था। लेकिन मनपसंद ब्रांच न मिलने पर छात्र तनाव में आ रहे थे। जोसा काउंसलिंग के अध्यक्ष और एनआईटी राउरकेला के निदेशक प्रोफेसर के उमा महेश्वर राव ने बताया कि छात्रों को पहले वर्ष 10 में से नौ सीजीपीए लेने के बाद ही ब्रांच बदलने का विकल्प मिलता है। हालांकि, इसके बाद भी मनपसंद ब्रांच मिलने की कोई गांरटी नहीं होती थी। इस कारण वे तनाव में चले जाते थे।
इन शीर्ष संस्थानों ने किया विकल्प समाप्त: आईआईटी (बॉम्बे, जम्मू, हैदराबाद, एनआईटी कालीकट, दिल्ली, कर्नाटक, नगालैंड, पुडुचेरी, कुरुक्षेत्र, राउरकेला, तिरुचिरापल्ली, वारंगल), आईआईआईटी (कोटा, लखनऊ, कल्याणी-प. बंगाल, सोनीपत, ऊना, धारवाड़, श्रीसिटी चित्तूर, वडोदरा) सरदार वल्लभभाई एनआईटी सूरत, एमएनआईटी जयपुर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस मैन्यूफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी रांची ने ब्रांच बदलने का विकल्प समाप्त कर दिया है।