नई दिल्ली । गुवाहटी में हुई दो दिवसीय जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुल 211 वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव किया गया है। जीएसटी काउंसिल ने 178 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 से घटाकर 18 फीसद कर दी है।
वहीं 13 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 18 फीसद से घटाकर 12 फीसद कर दी गई है। इसके अलावा 6 वस्तुओं पर 18 फीसद से घटाकर 5 फीसद, 8 वस्तुओं पर 12 से घटाकर 5 फीसद और 6 वस्तुओं पर 5 से घटाकर 0 फीसद करने का फैसला किया है।
इसके अलावा 18, 12, और 5 फीसदी टैक्स स्लैब्स में भी बदलाव किया गया है। रेस्ट्रॉन्ट में खाना भी अब सस्ता हो जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काउंसिल की बैठक के बाद बताया कि सभी तरह के रेस्ट्रॉन्ट पर अब केवल 5 फीसदी टैक्स लगेगा।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘पिछली तीन बैठकों में हम 28 फीसदी टैक्स स्लैब को देख रहे थे और कुछ को उससे बाहर निकाल चुके थे। ज्यादातर को 18 फीसदी के स्लैब में डाला या फिर इससे भी कम में रखा गया। कुल 228 आइटम्स 28 फीसदी कैटिगरी में थे।
नई दरें 15 नवंबर से लागू
काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी कि वस्तुओं पर लागू नई जीएसटी दरें 15 नवंबर से लागू होंगी। सभी राज्य और केंद्र सरकार इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ वस्तुओं को छोड़कर शेष 178 वस्तुओं को 28 में से 18 फीसद जीएसटी के स्लैब में डाला गया है। जो आइटम 28 फीसद की स्लैब में रहेंगे उनमें सीमेंट, पेंट, व्हाइट गुड्स, सिन प्रोडक्ट, ऑटो और एयरक्राफ्ट पार्ट्स आदि शामिल हैं
जेटली के मुताबिक 2 आइटम ऐसे हैं जिनको 28 से 12 फीसदी टैक्स के दायरे में लाया गया है। 13 आइटम्स को 18 से 12, 6 आइटम्स 18 से 5, 8 आइटम्स को 12 से 5 फीसदी टैक्स स्लैब में लाया गया। 6 आइटम ऐसे हैं जिनपर अब शून्य टैक्स लगेगा।
रेस्ट्रॉन्ट में खाना सस्ता
वित्त मंत्री ने बताया कि सभी तरह के रेस्ट्रॉन्ट पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा। इसके अलावा रेस्ट्रॉन्ट इंडस्ट्री के लिए अब इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को खत्म कर दिया गया है, क्योंकि कंज्यूमर्स को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा था।
7500 रुपये से अधिक कमरे वाले होटल्स में मौजूद रेस्ट्रॉन्ट में पुरानी व्यवस्था लागू रहेगा, यानी यहां 18 फीसदी टैक्स लगेगा और ITC का फायदा दिया जाएगा।
रिटर्न फाइलिंग में राहत
कारोबारियों के लिए भी कई राहत की घोषणा की गई है। कंपोजिशन स्कीम का दायरा 1 करोड़ से बढ़कर 1.5 करोड़ हुआ। कारोबारियों को फॉर्म 3-बी भरने में राहत दी गई है। अब इसे 31 मार्च तक फाइल कर सकते हैं।
1.5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को 15 फरवरी तक का समय दिया गया है। 1.5 टर्नओवर पर हर महीने रिटर्न फाइल करना होगा। लेट फाइलिंग पर जुर्माना कम कर दिया गया है।
GSTR-1 तीन महीने में एक बार भरना होगा। GSTR-2 की समीक्षा के लिए कमिटी का गठन किया गया है। GSTR-4 भरने की समयसीमा 24 दिसंबर रखी गई।