चंबल अस्वस्थ तो, नागरिक भी स्वस्थ नहीं रहेंगे: डॉ. साहनी

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चंबल मां की आरती में उमड़े श्रद्धाल

कोटा। गंगा अवतरण दिवस पर शहर के पवित्र गोदावरी धाम पर चंबल संसद और जल बिरादरी द्वारा चंबल को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अपस्ट्रीम के गंदे नालों को शुद्ध करने की मांग के साथ जन आंदोलन खड़ा करने का निर्णय किया गया।

गोदावरी धाम पर आयोजित संगोष्ठी में चंबल दर्शन के उपरांत वहां गिर रहे गंदे नालों को देखकर हर आगंतुक ने यही कहा कि इतना बड़ा रिवर फ्रंट बन रहा है, लेकिन पेयजल स्त्रोत चंबल नदी अपस्ट्रीम आज भी भयंकर प्रदूषित है, जो गहरी चिंता का विषय है।

शैलेंद्र भार्गव ने कहा कि गोदावरी धाम पर गिरने वाले गंदे नालों के प्रति सरकार को संवेदनशील होना चाहिए। नागरिकों का भी कर्तव्य है कि पॉलीथिन और प्लास्टिक जैसे कचरे को चंबल नदी और नालों में विसर्जित नहीं करें। उन्होंने आह्वान किया कि चंबल के शुद्धिकरण को लेकर व्यापक जन आंदोलन की आवश्यकता है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. आरसी साहनी ने कहा कि चंबल के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। चंबल अस्वस्थ रही तो नागरिक भी स्वस्थ नहीं रह सकते। इसके लिए जनता को आवाज उठानी होगी। डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि चंबल को शुद्ध करने के लिए सरकार को अपस्ट्रीम नालों के ट्रीटमेंट की तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए। बायोलॉजिस्ट डॉक्टर कृष्ण चंद्र सिंह ने आध्यात्मिक केंद्रों से प्रदूषण मुक्त के आह्वान पर बल दिया।

संगोष्ठी का संचालन करते हुए बृजेश विजयवर्गीय ने चंबल की दुर्दशा का विस्तार से वर्णन किया। जल बिरादरी के गौरव चौरसिया ने कहा कि चंबल शुद्ध नहीं रही तो लोगों को पीने का पानी नहीं मिलेगा। माफियाओं का बोलबाला हो जाएगा। पानी माफिया की सक्रियता के कारण पोश कॉलोनियों में जलदाय विभाग पानी सप्लाई नहीं कर पा रहा है।

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरणविद गीता दाधीच ने पॉलिथीन और प्लास्टिक को अन्य कचरे से अलग-अलग रखने पर जोर दिया। उन्होंने इस अवसर पर शुभ मधुर गीत भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में कोठारी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर अमर सिंह राठौड़, सर्प विशेषज्ञ डॉ. विनीत महोबिया, प्रोफेसर डॉ. नीरजा श्रीवास्तव, प्राध्यापक डॉक्टर लीलाधर सुमन, बीएल विजय, बीएल पंचोली, संजय पारीक, विनोद चतुर्वेदी एवं प्रीति विजय आदि ने विचार व्यक्त किए।

गोदावरी धाम के वानर सेना के संयोजक गजेंद्र भार्गव ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया और कहा कि दर्शनार्थियों को चंबल की दुर्दशा को देखकर जन दबाव बनाना चाहिए। चंबल की महाआरती के समय हजारों की संख्या में लोगों ने चंबल बचाओ कोटा बचाओ का उद्घोष किया ।