जयपुर। सहकारिता एवं पशुपालन मंत्री अजय सिंह किलक ने कहा कि राजस्थान के किसान ग्राम-2017 में संकल्प लेकर जाये कि वह डेयरी की नवीन तकनीको को अपनाकर दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश को नई ऊचाइयों पर लेकर जायेगें।
महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय उदयपुर में आयोेजित ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट में सहकारिता एवं पशुपालन मंत्री ने डेयरी एवं ग्रामीण महिला विकास विषय की जाजम बैठक में किसानों की समस्याओं को सुनने एवं निराकरण करने के लिए किसानों से की वार्ता।
उन्होंने डेयरी के विकास के बारे में बताते हुए कहा कि राज्य में लगभग 15 हजार दुग्ध समितिया है जिसमें 5 हजार समितियां सिर्फ महिलाओं द्वारा संचालित है। उन्होनें कहा कि डेयरी क्षेत्र में बहुत संभावनाएं है।
इस क्षेत्र मे नवीन तकनीक विकसित हुई है जिन्हे महिलाओ को समझाकर उन्हे डेयरी क्षेत्र में आगे बढावा देना चाहिये। उन्होनें बहरोड क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि सरकार द्वारा कॉऑपरेटिव बैंक की सहायता से ज्वाईंट लाईबिलिटी ग्रुप बनाकर दिया जा रहा है।
इस क्षेत्र में महिलाओं को डेयरी से जुडनें पर लोन दिया गया जिससे उन्होंने पशु खरीदे, बैंक में खाता खुलवाया और दुध बेचकर अच्छी आमदनी आने से इन्हें आर्थिक आजादी एवं नया उत्साह मिला है।
किलक ने बताया कि प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादन के लिए 5 लाख का दुर्घटना बीमा अभी दिया जा रहा है जिसे भविष्य में और बढानें के लिए राज्य सरकार की मंशा है।
राज्य सरकार की योजना है अच्छे दुध उत्पादकों से कम से कम 40 रूपये में दुध खरीदा जायेगा। ऎसे उत्पादकों की बेटियों को आर्थिक सहायता दी जायेगी एवं 60 वर्ष की आयु के किसानों के लिए पेंशन की सुविधा भी सरकार देगी।
किलक ने बताया की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की मंशा है कि भविष्य में 10-15 ग्राम पंचायतों पर एक ग्राम सेवा सहकारी समिति का निर्माण किया जाए जहां पर फसल की सही मूल्यों पर खरीद की जा सके।
उन्होनें बताया कि राज्य सरकार किसानों के विकास एवं खुशहाली के लिए प्रतिबद्व है। किलक ने कहा किसानों को दया नहीं संबल चाहिए इसलिए अब सरकार द्वारा भूमि विकास बैंक से किसानों को 10 लाख रूपये तक का बैंक ऋण दिया जा रहा है।
इस अवसर पर डॉ प्रकाश पंवार डॉ गायत्री तिवारी, डॉ लतिका व्यास, डॉ रेणु मोगरा एवं डॉ शशि जैन ने दुग्ध उत्पादन एवं ग्रामीण महिलाओं से संबधित समस्याएं सुनी एवं समाधान दिए।