अब गूगल का सिक्योरिटी लॉक वेबसाइट के एड्रेस बार में नहीं दिखेगा, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। टेक कंपनी गूगल के वेब ब्राउजर क्रोम का इस्तेमाल भारत ही नहीं, दुनिया भर में करोड़ों यूजर्स द्वारा किया जाता है। अगर आप भी गूगल क्रोम का इस्तेमाल अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं तो ये खबर आपकों चौंका सकती है।

दरअसल गूगल बहुत जल्द वेबलिंक्स ने एचटीटीपीएस लॉक आइकन (https lock icon)को हटाने जा रहा है। यानी क्रोम पर किसी भी वेबसाइट के लिंक के साथ नजर आने वाला लॉक आइकन अब नजर नहीं आएगा।

दरअसल कंपनी ने साफ किया है कि एचटीटीपीएस के साथ लॉक आइकन यूजर की अटेंशन लेते हैं। यूजर किसी भी वेबसाइट पर विजिट करते हुए ग्रीन लॉक को देखते ही मान लेता है कि वेबसाइट फेक नहीं है, जबकि कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि एचटीटीपीएस लॉक आइकन का इस्तेमाल फेक वेबसाइट्स पर भी हुआ है। ऐसे में सुरक्षा और प्राइवेसी का ये इंटीकेटर अब उतना कारगर नहीं रहा, जितना पहले हुआ करता था।

क्या है एचटीटीपीएस लॉक
दरअसल गूगल ने अपने वेब ब्राउजर क्रोम को साल 2008 में लॉन्च किया था। उस दौरान ऑनलाइन लिंक्स पर विजिट करने के लिए हाइपरटेक्स्ट ट्रांस्फर प्रोटोकोल (Hypertext Transfer Protocol) को सुरक्षा कारणों से पेश किया गया था। एचटीटीपीएस हाइपरटेक्स्ट ट्रांस्फर प्रोटोकोल का ही एक्सटेंशन है। यह एक एनक्रिप्टेड प्रोटोकॉल होता है जो यूजर को ऑनलाइन वेबसाइट पर प्राइवेसी और सिक्योरिटी का इंडिकेशन देने का काम करता है। इसी के साथ क्रोम एक ग्रीन कलर के लॉक आइकन को भी एडरेस बार में दिखाता है, जिसे अब हटाने का फैसला लिया गया है।

क्या आएगा दूसरा आइकन
कंपनी ने साफ किया है कि एचटीटीपीएस लॉक आइकन (https lock icon)को पूरी तरह ही रिमूव नहीं किया जाएगा। लॉक आइकन की जगह कंपनी एक दूसरे आइकन को लाएगी। यह बदलाव एंड्रॉइड 13 के मैटेरियल यू थीम डिजाइन का हिस्सा होगा। इसकी जगह यूजर के लिए ट्यून आइकन (tune icon) पेश किया जा सकता है। गूगल नए आइकन को Chrome 117 लॉन्च के साथ पेश करेगा। यह इस साल सितम्बर 2023 में रिलीज किया जाएगा।