कोटा। गुरूवार शाम को आई बेमौसम बारिश से भामाशाहमंडी में खुले में पड़ा किसानों का करीब 20 हजार बोरी गेहूं बारिश से भीग गया। मंडी में रामनवमी के अवकाश था। इस कारण जिंसों की आवक कम थी, मंडी खुली होती तो ज्यादा नुकसान होता।
किसानों का कहना था कि नीलामी यार्ड में बने टीनशेडों में व्यापारियों का माल भरा होने से किसानों को खुले में गेहूं की ढेरियां लगानी पड़ रही हैं। मंडी बंद होने के बावजूद किसान करीब 50 हजार बोरी जिंस आ गई। किसानों ने बताया कि गुरूवार को ही कई लोगों ने खेत में गेहूं की फसल निकाली थी, जिसे लेकर मंडी में आ गए। टीनशेड में व्यापारियों का माल पड़ा था, ऐसे में खुले में माल रखना पड़ा। जिससे किसानों को नुकसान हुआ।
भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख आशीष मेहता ने बताया कि नीलामी स्थल पर बने यार्ड में व्यापारियों का माल जमा है। ऐसे में किसान को मजबूरी में खुले में ढेर लगाने पड़ रहे हैं। ऐसे में बारिश से किसानों की जिंस भीग गई और पानी के साथ बहकर नालियों में चली गई। जिलाध्यक्ष गिरिराज चौधरी ने कहा कि टीनशेडों से व्यापारियों का माल नहीं हटाया तो मंडी प्रशासन का घेराव किया जाएगा।
मेहता ने बताया कि आए दिन असमय बारिश से किसान खून के आंसू रो रहा है। ओलावृष्टि ने खड़ी फसल और कटी फसल को नुकसान पहुंचाया है। वहीं मंडी में टीन शेड के नीचे व्यापारियों का माल जमा है और किसान को मजबूरी में सड़क पर ढेर करने पड़ रहे हैं । मंडी प्रशासन की ओर से फटे त्रिपाल दिए जा रहे हैं। किसान की उपज बारिश में नाली में बह रही और आंधी में उड़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि हालात नहीं सुधरे तो भारतीय किसान संघ मंडी प्रशासन का घेराव करेगा।